
रिजॉर्ट राजनीति: छह होटलों में घूमे विधायक
बेंगलूरु. कांग्रेस और जनता दल (ध) ने अपने नवनिर्वाचित विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए तीन दिनों के भीतर छह होटलों और रिसार्टों का उपयोग किया जबकि विधायकों ने इस दौरान करीब १३०० किलोमीटर की यात्रा की।
विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद पल-पल बदलते घटनाक्रम में दोनों दलों को डर था कि उनके कुछ विधायक पाला बदलकर भाजपा के समर्थन में जा सकते हैं।
इसी कारण १५ मई को चुनाव परिणाम आने के ठीक बाद दोनों दल अपने अपने विधायकों पर कड़ी नजर रखने लगे। इस बीच बुधवार और गुरुवार को विधायकों को बेंगलूरु के बाहरी क्षेत्र में स्थित इगलटोन गोल्ड रिसोर्ट में रखा गया। विधायकों को रिसोर्ट में रखने के लिए पहले १०२ कमरे बुक कराए गए थे लेकिन वहां पहले से ही कई कमरे बुक होने के कारण सिर्फ ७५ कमरे ही मिल सके। सूत्रों की मानें तो इसके लिए ११.२ लाख रूपए का भुगतान किया गया। हालांकि इस रकम का भुगतान प्रदेश कांग्रेस द्वारा न करके किसी अन्य के द्वारा करने की बातें कही जा रही हैं।
इस बीच जब गुरुवार सुबह बीएस येड्डियूरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली और उन्होंने रिसोर्ट से पुलिस सुरक्षा हटाने का निर्देश दिया तब कांग्रेस खेमे को एक बार फिर से अपने गठबंधन के विधायकों को बचाने की चिंता सताने लगी। इसलिए गुरूवार देर रात सभी विधायकों को बेंगलूरु से हैदराबाद ले जाने का निर्णय लिया गया।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जब यह तय हो गया कि शनिवार को ही सदन में बहुमत साबित करना है तो फिर से शुक्रवार शाम सभी विधायक हैदराबाद से बेंगलूरु के लिए रवाना हो गए। इस दौरान हैदराबाद में विधायकों के ठहरने के लिए तीन पांच सितारा होटलों में बुकिंग कराई गई थी। इसमें ताज कृष्णा, होटल नोवोटेल और द ग्रेंड हयात थे जिसमें होटल नोवोटेल और दि ग्रेंड हयात में कांग्रेसी विधायकों और नेताओं को ठहराया गया था।
वहीं शनिवार सुबह जब सभी विधायक फिर से बेंगलूरु पहुंचे तब जनता दल (ध) विधायकों को होटल शांगरी-ला में ठहराया गया जबकि कांग्रेस के विधायक होटल हिल्टन में थे। इसके अतिरिक्त कुछ विधायक होटल ली-मेरिडियन में भी ठहरे। संयोग से विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए जाने के पूर्व भाजपा विधायक दल की बैठक भी होटल शांगरी-ला में हुई जहां जद (ध) विधायकों के लिए कमरे बुक कराए गए थे।
दर्जनों लग्जरी बसों और एसयूवी का काफिला
विधायकों की होटलों, रिसॉर्ट और शहर दर शहर भाग दौड़ के लिए कई लग्जरी बसों का उपयोग किया गया। बसों के अतिरिक्त बेंगलूरु और हैदराबाद के सफर के लिए दर्जनों एसयूवी का इस्तेमाल किया गया जिसमें न सिर्फ विधायक और नेता बैठे थे बल्कि बड़ी संख्या में निजी सुरक्षाकर्मियों को रखा गया था ताकि विधायकों तक कोई भी न पहुंच पाए। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि होटल, रिसोर्ट और बसों पर आए खर्च का भुगतान किसने किया।
Published on:
20 May 2018 10:21 pm
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