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त्याग सिर्फ संयम नहीं, सुरक्षा कवच भी: साध्वी डॉ. गवेषणाश्री

त्याग तपोवन का राजा सीजन-2 का समापन

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त्याग सिर्फ संयम नहीं, सुरक्षा कवच भी: साध्वी डॉ. गवेषणाश्री

त्याग सिर्फ संयम नहीं, सुरक्षा कवच भी: साध्वी डॉ. गवेषणाश्री

बेंगलूरु. त्याग का अर्थ है संयम, व्रत, सुरक्षा कवच, जो व्यक्ति को बुराइयों से बचाता है। हम पूरी तरह संयमी जीवन नहीं जी सकते हैं पर संयम की सीमा तो कर सकते हैं। सृष्टि में ज्यादा सभी सुविधाएं ना हमारे लिए बनी हैं और ना हम उनका उपयोग कर सकते हैं। भारतीय संस्कृति में अनादि काल से त्याग का महत्व है। छोटे त्याग से व्यक्ति महान बन सकता है।

यह बात साध्वी डॉ. गवेषणाश्री ने तेरापंथ युवक परिषद एचबीएसटी की ओर से त्याग तपोवन का राजा सीजन-2 के समापन पर तेरापंथ भवन, गांधीनगर में आयोजित कार्यक्रम में कही। साध्वी मयंकप्रभा ने कहा कि जैन धर्म में तीन शब्द आश्रव, संवर, निर्जरा आते हैं। कर्म ग्रहण करना आश्रव है, कर्म तोड़ना निर्जरा और कर्म रोकना संवर है। त्याग है संवर। जैन धर्म सबसे कठिन है तो सबसे सरल भी है। सरल का तात्पर्य खाते-पीते मोक्ष। छोटे-छोटे त्याग करके मोक्ष का अधिकारी बना जा सकता है। साध्वी मेरुप्रभा ने गीतिका प्रस्तुत की। साध्वी दक्षप्रभा ने भी गीतिका के माध्यम से त्याग के महत्व को रेखांकित किया। हनुमंतनगर सभा अध्यक्ष तेजमल सिंघवी, अभातेयुप से गौतम खाब्या, बजरंग जैन, महासभा से प्रकाश लोढ़ा, महिला मंडल गांधीनगर से सरस्वती बाफना ने विचार-व्यक्त किए। तेरापंथ सभा गांधीनगर के संगठन मंत्री धर्मेश कोठारी, गौतम खाब्या एवं महावीर कटारिया ने त्याग तपोवन पर लघु-नाटिका की प्रस्तुति दी। ज्यादा पॉइंट अर्जित करने वाले में प्रथम स्थान पर रहे निर्मला बागरेचा, द्वितीय स्थान पिस्ताबाई जीरावला, तृतीय स्थान मंजूदेवी भंडारी एवं भीखमचंद भंडारी एवं 11 प्रतिभागियों काे ट्रॉफी प्रदान कर सम्मान किया गया।ये रहे उपस्थित

बजरंग जैन ने श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन किया। स्वागत तेयुप अध्यक्ष महावीर चावत ने किया। कार्यक्रम के प्रायोजक सम्पतराज, शांतिनाथ, अर्हत गांधी थे। परिषद परिवार की ओर से प्रायोजक परिवार को जैन पट्ट एवं स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। संयोजक शांतिनाथ गांधी एवं नवरत्न बरडि़या का विशेष श्रम रहा। अभाममं से लता जैन,तेयुप परामर्शक गौतम दक, गांधीनगर तेयुप अध्यक्ष प्रदीप चोपड़ा, यशवंतपुर तेयुप अध्यक्ष कमलेश दक, सहमंत्री देवेंद्र आंचलिया, राकेश खट़ेड, अंकुश बैद, गौतम चावत, गौतम भंसाली, रक्षित लोढ़ा, दीक्षित बाफना, रूपचंद देसरला, प्रकाश दक की उपस्थित रहे। संचालन परिषद उपाध्यक्ष महावीर कटारिया ने किया। आभार मंत्री कमलेश झाबक ने जताया।