
बेंगलूरु. मुनि सुधाकर ने हनुमंतनगर स्थित तेरापंथ भवन में प्रवचन में कहा कि सुखी व सफल जीवन की पहली शर्त है, हैप्पी रिलेशनशिप। रिश्ते की मधुरता, संबंधों की सुदृढ़ता के बिना जीवन में खुशी की कल्पना करना आकाश में फूल खिलाने के समान है।
रिश्ते की खटास जीवन को त्रास बना देती है। अहं की तुष्टि के लिए रिश्तों को तोड़ देने वाले याद रखें-रिश्ते कितने भी खराब हों, कभी तोडऩे नहीं चाहिए। क्योंकि पानी कितना भी गंदा हो प्यास बुझाने नहीं तो आग बुझाने तो काम आएगा।
उन्होंने कहा कि विश्वास की नींव पर रिश्ते की इमारत खड़ी होती है। विश्वास ही रिश्ते में खुशी का संचार करता है। विश्वास जीवन का वैभव है तो अविश्वास विष।
उन्होंने कहा कि पेड़ पौधों को हराभरा बनाने के लिए पानी का सिंचन जरूरी है। ठीक उसी प्रकार रिश्तों को खुशहाल बनाने के लिए उनको समय का सिंचन देना जरूरी है। आज भाग-दौड़ भरी जिन्दगी में रिश्तों को निभाने के लिए व्यक्ति के पास समय नहीं है। जिस रिश्ते में एक दूजे के लिए समय नहीं होता है वहां रिश्ते कभी खुशहाल नहीं बन सकते। उन्होंने कहा कि बातचीत से संबंध बनते भी हैं,टूटते भी हैं।
रिश्ते की सरसता शब्दों पर निर्भर करती है। एक शब्द पराए को अपना और एक शब्द अपने को पराया बना देता है। जीवन की सुगमता और संबंधों की मधुरता के लिए वाणी का विवेक जरूरी है।
जीवन में विमर्श कीजिये बहस नहीं, बहस ने बहुतों को तहस-नहस किया है। गलतियां किससे नहीं होती। सच्चे रिश्ते की खूबसूरती एक दूसरे की गलतियां को सहन करने में हंै।
Published on:
23 Jul 2020 05:01 pm
बड़ी खबरें
View Allबैंगलोर
कर्नाटक
ट्रेंडिंग
