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शिग्गांव विस उपचुनाव: पूर्व विधायक कादरी नामांकन पत्र वापस लेने पर सहमत

कादरी ने टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से बगावत कर दी थी और शिग्गांव विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में निर्दलीय के तौर पर नामांकन दाखिल किया था। कादरी को जल्द ही उपयुक्त पद का आश्वासन दिया गया है, जिसके बाद उन्होंने 30 अक्टूबर को अपना नामांकन पत्र वापस लेने पर सहमति जताई।

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दूसरे बागी को मनाने में जुटे कांग्रेस के नेता

बेंगलूरु. शिग्गांव विधानसभा उपचुनाव में दो बागी उम्मीदवारों के मैदान में उतरने से परेशान कांग्रेस को शानिवार को एक पूर्व विधायक को नाम वापस लेने के लिए राजी करने सफलता मिल गई जबकि पार्टी दूसरे बागी उम्मीदवार एक पूर्व सांसद को मनाने में जुटी है।

उम्मीदवार चयन को लेकर नाराज दोनों नेताओं ने शुक्रवार को नामांकन के अंतिम दिन पर्चा दाखिल कर किया था।मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार से मुलाकात के बाद पूर्व विधायक सईद अजीम पीर कादरी ने अपना नामांकन वापस लेने पर सहमति जताई है।

कादरी ने टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से बगावत कर दी थी और शिग्गांव विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में निर्दलीय के तौर पर नामांकन दाखिल किया था। कादरी को जल्द ही उपयुक्त पद का आश्वासन दिया गया है, जिसके बाद उन्होंने 30 अक्टूबर को अपना नामांकन पत्र वापस लेने पर सहमति जताई।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा कि, टिकट को लेकर उपजा असंतोष खत्म हो गया है। वह 30 अक्टूबर को अपना नामांकन वापस ले लेंगे। पार्टी उन्हें उपयुक्त पद देगी। बैठक में कादरी ने अपनी चिंताओं से उन्हें अवगत कराया। उन्हें पार्टी में उपयुक्त पद देने का वादा किया गया है। वह अपना नामांकन वापस लेंगे और पार्टी के लिए काम करेंगे।

कादरी ने पत्रकारों से कहा कि पार्टी उनके लिए महत्वपूर्ण है और वह अपने समर्थकों से बात करके उन्हें नामांकन वापस लेने के अपने फैसले के बारे में समझाएंगे तथा कांग्रेस उम्मीदवार की जीत के लिए काम करेंगे। उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा था कि अगर टिकट दिया जाता है तो उनकी जीत निश्चित है। पार्टी नेताओं ने उन्हें बताया कि यह हाईकमान का फैसला है।

यह घटनाक्रम कांग्रेस के लिए बड़ी राहत की बात है, क्योंकि खादरी का निर्वाचन क्षेत्र में काफी प्रभाव है तथा उनकी उम्मीदवारी से कांग्रेस के वोटों में विभाजन हो सकता था।

मंजूनाथ कुन्नूर अभी भी मैदान में डटे

कांग्रेस के एक अन्य बागी पूर्व सांसद तथा दो बार के विधायक मंजूनाथ कुन्नूर ने शनिवार को घोषणा की कि वह उपचुनाव लड़ेंगे। कुन्नूर ने भी नामांकन पत्र दाखिल किया है। उन्होंने हावेरी जिले के शिग्गांव विधानसभा क्षेत्र से दो बार कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी। बाद में भाजपा में शामिल हो गए।

सूत्रों के अनुसार, जातिगत समीकरणों को देखते हुए कांग्रेस द्वारा उन्हें रोकने का कोई प्रयास करने की संभावना नहीं है। कुन्नूर एक वीरशैव लिंगायत पंचमशाली नेता हैं, जो निर्वाचन क्षेत्र में जनसांख्यिकी रूप से मजबूत है। उनके वोट शेयर में कोई भी विभाजन कांग्रेस को अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित करने की संभावना है क्योंकि भाजपा उम्मीदवार भरत बोम्मई एक वीरशैव लिंगायत हैं।