विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल में मोहियुद्दीन बावा और यू.बी. बणकार के सवालों के उत्तर में उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के जीवनकाल में बढ़ोतरी व स्वास्थ्य सूचकांक में सुधार हुआ है। इसके परिणाम स्वरूप सरकारी कर्मचारियों की अधिक सालों तक काम करने की सामथ्र्य बढ़ी है। इसे ध्यान में रखकर कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 58 साल से बढ़ाकर 60 साल की गई। उन्होंने कहा कि लंबे समय से सेवाएं देने वाले अनुभवी कर्मचारियों से सरकार को प्रशासनिक दक्षता सुगम कार्यान्वयन में सहायता मिलती है। लिहाजा कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु घटाने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है।
उन्होंने बताया कि राज्य के विभिन्न विभागों में 7 लाख 79 हजार 439 स्वीकृत पद हैं। जिन पर फिलहाल 5 लाख 9 हजार 867 कर्मचारी कार्यरत हैं जबकि 2 लाख 69 हजार 577 पद रिक्त हैं। विभागीय प्रमुख इन रिक्त पदों को भरने के बारे में सचिवालय के कार्मिक व प्रशासनिक सुधार विभाग के पास प्रस्ताव भेजने के बाद ही भर सकते हैं।
रिक्त पद भरने के मामले में मितव्ययता का आदेश लागू नहीं होता और वित्त विभाग ने भी अनुमति दे रखी है। जरूरत के अनुसार नए पद सृजित करने व रिक्त पद भरने के लिए वित्त विभाग भी अपनी सहमति देता है। संबंधित विभाग कर्नाटक लोकसेवा आयोग, सीधी भर्ती या सीईटी परीक्षा के जरिए रिक्त पद भर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के तय समय पर सरकारी कार्यालयों में ड्यूटी पर नहीं पहुंचने तथा काम के वक्त उपलब्ध नहीं रहने की शिकायतें मिली हैं। ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।