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स्कूल ने छात्रों के लिए बांस की साइकिलें बनवाईं

बेंगलूरु के वरथुर स्थित द ग्रीन स्कूल बेंगलूरु (टीजीएसबी) ने "बांस-4 बेंगलूरु" कार्यक्रम के तहत अपने छात्रों के लिए बांस की साइकिलें बनवाई हैं।

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पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ दीर्घायु हैं

बेंगलूरु. बेंगलूरु के वरथुर स्थित द ग्रीन स्कूल बेंगलूरु (टीजीएसबी) ने "बांस-4 बेंगलूरु" कार्यक्रम के तहत अपने छात्रों के लिए बांस की साइकिलें बनवाई हैं। "बांस का जीवन लम्बा होता है और बांस की साइकिलें 20 से 30 साल तक चल सकती हैं। टीजीएसबी की संस्थापक और प्रिंसिपल उषा अय्यर ने बताया कि तीन दिवसीय बांस-4 बेंगलूरु पहल का उद्घाटन वन, पर्यावरण और पारिस्थितिकी मंत्री ईश्वर खंड्रे ने किया। स्कूल परिसर में टीजीएसबी के कक्षा 8 और 9 के छात्राओंं के साथ बांस की साइकिलें चलाईं। इस अवसर पर खंड्रे ने कहा कि यह छात्रों को प्रकूति के करीब लाने का यह एक बेहतरीन तरीका है। बांस-4 बेंगलूरु कार्यक्रम के 3 दिनों में बांस के उत्पादों की प्रदर्शनी के साथ एक बांस गैलरी, एक बांस शिखर सम्मेलन और पूर्व मुख्य वन संरक्षक और भारतीय बांस सोसायटी के अध्यक्ष पुनाती श्रीधर के नेतृत्व में बांस विशेषज्ञों की पैनल चर्चा होगी। इसमें डॉ. विपिन चावला, शांतला एस, प्रकृति प्रसन्ना, बीएलजे स्वामी और सरीना, जैसे विशेषज्ञ पैनलिस्ट होंगे। पैनल चर्चा का संचालन स्कूल प्रमुख मंजू चक्रवर्ती करेंगी। इस अवसर पर विधायक शरथ बच्चेगौड़ा भी शामिल थे।