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बीएनपी की शेरनी उषा की मौत

उषा महाराष्ट्र के सांगली चिडिय़ाघर से उसे २७ जुलाई 2001 को बीएनपी लाया गया था।

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बीएनपी की शेरनी उषा की मौत

बेंगलूरु. बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान (बीएनपी) में करीब १७ वर्षों से रह रही शेरनी उषा की रविवार को मौत हो गई। पशु चिकित्सकों के अनुसार वह लंबे समय से उम्रजनित बीमारियों से जूझ रही थी और गत कई दिनों से बीमार रहन ेसे काफी कमजोर हो गई थी।
अधिकारियों के अनुसार उम्रजनित बीमारी के कारण उषा के एक साथ कई अंगों के काम करना बदं कर देने से उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद उसके शव को दफना दिया गया। इससे पहले आंत के नमूनों को जांच के लिए हेब्बाल स्थित पशु स्वास्थ्य एवं पशु चिकित्सा जैव विज्ञान संस्थान भेजा गया। महाराष्ट्र के सांगली चिडिय़ाघर से उसे २७ जुलाई २००१ को बीएनपी लाई गई थी। उस समय उषा ८ वर्ष की थी।

तीन दिनों में पांच हाथियों की मौत IMAGE CREDIT: File Photo

तीन दिनों में पांच हाथियों की मौत
कोडगु. जिले में शनिवार को एक १५ साल की हथिनी की मौत हो गई। इसके साथ ही जिले में गत तीन दिनों में मरने वाले हाथियों की संख्या पांच हो गई है। वन विभाग के उप संरक्षक मंजुनाथ ने बताया कि बुधवार को हथिनी एक तालाब के दलदल में फंस गई थी। वन विभाग ने उसे गुरुवार को दलदल से निकाला था। जिसके बाद से वह ठीक से खा नहीं रही थी। पानी तक त्याग रखा था। बाएं पैर में चोट भी लगी थी। शरीर में पानी की कमी के कारण शनिवार रात को उसकी मौत हो गई।

अधिकारियों के अनुसार इसी प्रकार गत दो दिनों पहले २ हाथिनी के बच्चों की मौत हो गई थी। अधिकारियों के अधिकारियों के अनुसार प्रदेश में गर्मी बढऩे के साथ ही हाथियों को पानी अच्छे आहार की जरुरत पड़ रही है और ऐसे में यदि किसी हाथी को आहार सही नही मिलता हो तो कई बीमारियों के चपेट में आने की उम्मीद रहती है। अधिकारियों के अनुसार वन गर्मी बढऩे साथ ही वन विभाग सभी जानवरों के खान-पान और स्वास्थ्य पर विशेष निगरानी कर रहा है और जरुरी सुविधाएं भी उपलब्ध करा रहा है।

IMAGE CREDIT: File Photo