
Today Kumaraswamy will decide on debt waiver
बेंगलूरु. किसानों के ऋण माफ करने के चुनावी वादे को पूरा करने के लिए बढ़ते राजनीतिक दबाव के बीच मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी बुधवार को पत्ते खोल सकते हैं। कुमारस्वामी ने सोमवार को दिल्ली में कहा था कि ऋण माफी को लेकर दिशा-निर्देश बुधवार को जारी किए जाएंगे। मंगलवार को कुमारस्वामी ने मुख्य सचिव के. रत्नप्रभा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर ऋण माफी से पडऩे वाले वित्तीय भार और उसके समायोजन के उपायों पर चर्चा की। कुमारस्वामी ने बुधवार को दो सदस्यीय राज्य मंत्रिमंडल की बैठक भी बुलाई है, जिसमें ऋण माफी को लेकर निर्णय लिए जाने की संभावना है। इसके बाद कुमारस्वामी किसानों के साथ भी बैठक करेंगे। गौरतलब है कि कुमारस्वामी ने कहा था कि अगर वे सप्ताह भर में किसानों का ऋण माफ नहीं कर पाए तो पद छोडऩे के साथ ही राजनीति से संन्यास ले लेंगे। राज्य के किसानों पर बैंकों का करीब ५३ हजार करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है। इस बीच, राज्य के अलग-अलग इलाकों में पिछले २४ घंटों के दौरान १० किसानों के आत्महत्या करने की खबर है।
सोमवार रात दिल्ली दौरे से लौटने के बाद कुमारस्वामी ने मंगलवार सुबह मुख्य सचिव के. रत्नप्रभा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) आई.एस. एन.प्रसाद, विकास आयुक्त डी. वी. प्रसाद, अतिरिक्त मुख्य सचिव (सीएमओ) लक्ष्मीनारायण के साथ अपने आवासीस कार्यालय कृष्णा में बैठक की। बैठक में कर्ज माफी के कारण बढऩे वाले वित्तीय भार के समायोजन के लिए नए कर लगाने और मौजूदा करों को बढ़ाने के बारे में भी चर्चा हुई। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को राज्य की वित्तीय स्थिति और कर्ज माफी की स्थिति में उत्पन्न होने वाली वित्तीय समस्याओं के बारे में भी जानकारी दी।
येड्डियूरप्पा को भी न्यौता
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक मंत्रिमंडल की बैठक सुबह ११ बजे होगी और इसके बाद ११.१५ बजे कुमारस्वामी विधानसौधा सभागार में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और प्रगतिशील किसानों के साथ ऋण माफी और किसानों की आत्महत्या के बारे में चर्चा करेंगे। बैठक में उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर भी मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री ने बैठक में विपक्ष के नेता बी. एस. येड्डियूरप्पा को भी आमंत्रित किया है। कुमारस्वामी के विश्वासमत परीक्षण के दौरान २५ मई को येड्डियूरप्पा ने चुनावी वादे के मुताबिक ऋण माफी नहीं होने पर कर्नाटक बंद की घोषणा कर दी थी। हालांकि, बाद में भाजपा बंद के ऐलान से पीछे हट गई और किसानों की ओर से २८ को आहूत बंद का समर्थन करने की घोषणा की। सोमवार को बंद का अधिकांश जिलों में असर नहीं रहा, लेकिन येड्डियूरप्पा ने कुमारस्वामी सरकार को सप्ताह भर की नई समय सीमा देते हुए कहा था कि ऋण माफी नहीं होने पर पार्टी आंदोलन तेज करेगी। कुमारस्वामी पहले ही कह चुके हैं कि वे गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं और कांग्रेस को विश्वास में लिए बिना कोई निर्णय नहीं कर सकते हैं। बताया जाता है कि कांग्रेस राष्ट्रीयकृत बैंकों का कृषि ऋण माफ करने के पक्ष में नहीं है क्योंकि इससे सरकार पर बोझ बढ़ जाएगा। हालांकि, चर्चा है कि कुमारस्वामी चुनावी वादे के मुताबिक सभी बैंकों का कृषि ऋण माफ करने के लिए तेलंगाना मॉडल अपना सकते हैं।
Published on:
30 May 2018 06:10 pm
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