वन मंत्री ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक को लिखे पत्र में दक्षिण कन्नड़ में कुमार पर्वत शिखर पर हाल की घटना की ओर इशारा किया और लिखा कि जंगल के अंदर शिविर लगाने से इसकी पारिस्थितिकी प्रभावित होगी और क्षेत्र में जलस्रोत प्रदूषित होंगे। उन्होंने कहा कि ट्रैकिंग जैसी गतिविधियों को विनियमित करने की जरूरत है। वन विभाग कर्नाटक इकोटूरिज्म बोर्ड द्वारा प्रबंधित प्रत्येक ट्रैकिंग स्थान पर केवल 150 ट्रैकर्स को अनुमति देता है।
खंड्रे ने मीडिया को बताया, मैं समझता हूं कि ट्रेकर्स का जुनून और उत्साह है लेकिन इसका पारिस्थितिकी तंत्र पर किसी भी तरह से प्रभाव नहीं पडऩा चाहिए। ट्रैकरों के अनियंत्रित प्रवेश के कारण संवेदनशील क्षेत्रों में अराजकता फैल रही है। जंगल में प्लास्टिक कचरा, भोजन और बोतलें छोडऩे की घटनाएं सामने आई हैं और इससे वन्यजीवों को भी नुकसान पहुंच रहा है। हम उन सभी वन क्षेत्रों में ट्रैकिंग गतिविधियों पर अस्थायी प्रतिबंध लगा रहे हैं जहां वर्तमान में कोई ऑनलाइन बुकिंग प्रावधान नहीं है।