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जैसा कर्म करोगो वैसा फल अवश्य मिलेगा-संत कृपाराम

धर्मसभा का आयोजन

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जैसा कर्म करोगो वैसा फल अवश्य मिलेगा-संत कृपाराम

जैसा कर्म करोगो वैसा फल अवश्य मिलेगा-संत कृपाराम

बेंगलूरु. गोभक्त संतपुखराज की प्रेरणा व मातेश्वरी भक्त मंडल, बेंगलूरु की ओर से कृष्ण गोसेवा आश्रम दोड्डागुब्बी में गुरुवर राजाराम के सान्निध्य में चल रही सात दिवसीय भागवत कथा के तीसरे दिन कथा वाचक संत कृपाराम ने कहा कि मनुष्य जैसा कर्म करेगा वैसा फल अवश्य मिलेगा। हर मानव को कर्म का फल भोगना ही पड़ेगा इसलिए मानव मात्र को हमेशा अच्छे कर्म कर मनुष्य जीवन का उद्धार करना चाहिए। परमात्मा को भजने वाला परमात्मा का हो जाता है, सच्ची श्रद्धा के लिए व्यक्ति को भगवान से पहले खुद पर भरोसा होना जरूरी है।
संतों की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि संत तपस्या के बल से महकता है, संतों का लगाव भगवान से होता है ओर जो हरि को भजता है वो हरी का हो जाता है। भागवत कथा का वाचन करते हुए कृष्ण व दुर्योधन के बीच युद्ध का वर्णन किया। संत कृपाराम ने विदुरानी द्वारा श्रीकृष्ण को केले के छिलके खिलाने वाले प्रसंग को सुनते हुए कहा कि भगवान छपन भोग के भूखे नहीं है अगर प्रेम से एक पुष्प भी अर्पण कर दे तो वह भी उसे स्वीकार है भगवान दुष्टों का उद्धार करने व भक्तों को आनंद देने इस धरती पर आते है, अगर भगवान पैसे लेते देखते तो भगवान श्रीराम कभी भी आदिवासियों व शबरी के वहां कभी नहीं जाते और श्रीकृष्ण भी कभी भी सुदामा को अपना परम मित्र नहीं बनाते अगर पैसे ऐश्वर्य को देखते क्योंकि ये सब इन भक्तों के पास नहीं था और जो भी था वो सच्चा प्रेम था जिस से भगवान खुद इन के वहा पधार गए और कहा अगर जीवन में समस्या आ जाए तो भगवान से ये मत कहो की समस्या बहुत है। बल्कि ये कहो कि समस्या तो बहुत है लेकिन तेरी कृपा भी बहुत है। आज इस भाग-दौड़ की जिंदगी में जो व्यक्ति चार घंटे एक जगह बैठ कर ध्यान से कथा सुनाता है समझो उस पर भगवान की बड़ी कृपा है, और कहा की जीवन में कर्म की बड़ी महानता है कर्म करने में सावधान रहो, अगर कर्म अच्छे नहीं करेगे तो आगे जाकर दुख भोगना पड़ेगा।