
फाइल फोटो पत्रिका
उमाशंकर शर्मा
Ahmedabad Plane Crash : अहमदाबाद विमान हादसे के दौरान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में रहकर पीजी इंटर की तैयारी कर रहे बांसवाड़ा के दो युवाओं खांदू कॉलोनी निवासी डॉ. तुषार जैन और अबिका कॉलोनी निवासी मोहित द्विवेदी की सांसें एकबारगी थम सी गईं। जिस मैस की बिल्डिंग पर विमान गिरा, वह उनके हॉस्टल से महज 100 मीटर दूर थी। ऐसे कठिन समय में पहले तो उन्होंने खुद को संभाला। फिर अपनी आंसू भरी आंखों के साथ एक बड़ा फैसला लिया। साहस जुटाकर मदद को हाथ बढ़ाया। इसके बाद परिजनों को स्वयं के सुरक्षित होने की सूचना दी। इसके बाद अहमदाबाद से रवाना होकर शुक्रवार शाम बांसवाड़ा पहुंचे। यहां पहुंचने पर परिजनों ने उन्हें गले लगा दिया। साथ ही पास-पड़ोस व परिचित भी उनसे मिलने पहुंचे।
डॉ. तुषार जैन ने बताया कि वह अपने मित्र के साथ भोजन के बाद पढ़ाई कर रहे थे, तभी एक जोरदार धमाका हुआ। एक पल को तो कुछ समझ ही नहीं आया। सभी साथी बदहवासी में बाहर की ओर भागे। बाहर देखा तो मैस की बिल्डिंग पर विमान गिरा पड़ा था, और आग की लपटें व धुएं का गुबार उठ रहा था। हादसे का मंजर इतना भयानक था कि वहां खड़े हर शख्स की आंखें भर आईं।
तुषार और मोहित ने मिलकर घायलों को हॉस्टल से गद्दे लाकर अस्पताल पहुंचाया एवं उपचार में मदद की। फिर रोल कॉल कर साथियों की जानकारी एकत्र की। बाद में उन्होंने अपने-अपने परिजनों को फोन कर स्वयं के सुरक्षित के बारे में बताया।
मोहित की आंखें नम हो गईं जब उन्होंने बताया कि हादसे के वक्त मैस में उनके कई जूनियर लंच कर रहे थे। कुछ दोस्तों को खो देने का दुख उनके चेहरे पर साफ झलक रहा था। लेकिन इस ग़म को सीने में दबाकर उन्होंने बाकी साथियों के लिए हिम्मत दिखाई।
Published on:
14 Jun 2025 09:58 am
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