
भीलवाड़ा से देररात बांसवाड़ा पहुंचे 15 जने, होम आइसोलेशन में भेजने के बाद वापस लाए
बांसवाड़ा. लॉकडाउन के चलते जिले से बाहर कामकाज कर रहे लोगों के रह-रहकर घर वापसी का क्रम बीती रात और फिर सोमवार को भी जारी रहा। हालांकि इसमें अब काफी कमी आई है। इससे पहले रविवार देर रात भीलवाड़ा से मध्यप्रदेश होते हुए जैसे-तैसे बांसवाड़ा जिले की दानपुर सीमा से होते हुए 15 लोग पहुंचे, तो वहां कोरोना के प्रभाव के मद्देनजर संवेदनशीलता रखकर सभी को एमजी अस्पताल लाया गया। यहां स्क्रीनिंग में सभी स्वस्थ होने पर रवानगी के बाद कलक्टर के आदेश पर उनकी फिर जिला मुख्यालय वापसी की गई। इसके बाद रात में इन्हें विस्तारित आसोलेशन के नए हिस्से ऑर्थोपेडिक वार्ड में रखा गया। इनको 108 एंबुलेंस से खुद बीसीएमओ छोटी सरवन डॉ. गणेश मईड़ा लेकर आए। डॉ. मईड़ा ने बताया कि जहांपुरा, सालरापाड़ा, तिलगारी, रोहनिया और गांगरवा गांवों के ये लोग भीलवाड़ा की गोपाल माइनिंग कंपनी में कार्यरत थे। सप्ताहभर तक घर वापसी संभव नहीं होने के बाद घबराकर ये लोग नीमच, जावरा होते हुए सैलाना से दानपुर सीमा तक पहुंचे। इस बीच, एक कॉल के लिए गई 108 एंबुलेंस के इएमटी अरविंद मईड़ा और पायलट को इनकी कादिम खां हुई, तो सूचना देकर वे इन्हें लेकर बांसवाड़ा आए। यहां लाकर स्क्रीनिंग करवाई गई, तो दो बच्चों और 6 महिलाओं समेत सभी 15 लोग स्वस्थ पाए गए। इस बीच, एंबुलेंस भी सेनेटाइज की गई, लेकिन होम आइसोलेशन पर भेजने का इंतजाम नहीं होने से उसी 108 से रवाना किया गया। बाद में जब इसकी रिपोर्ट सीएमएचओ को दी गई, तो उन्होंने कलक्टर से बात की। फिर कलक्टर कैलाश बैरवा ने सभी को वापस एमजी अस्पताल ले जाने को कहा। तब एंबुलेंस लौटाई गई और मध्यरात्रि वापस लाकर इन्हें वार्ड में भर्ती कर भोजन आदि का इंतजाम किया गया। यहां रविवार सुबह फिर जांच के बाद इन्हें होम आइसोलेशन के लिए भेज दिया गया। इधर, डूंगरपुर मार्ग से सटे कूपड़ा पंचायत क्षेत्र के भीलवाड़ा मोहल्ले में सोमवार दोपहर झालावाड़ से सात युवा लौटे। प्रभारी विजयकृष्ण वैष्णव ने बताया कि इसकी सूचना पर तलवाड़ा से मेडिकल टीम ने स्क्रीनिंग की, तो सभी स्वस्थ पाए गए। इसके बाद सभी को होम आइसोलेशन के लिए भेज दिया गया।
Published on:
31 Mar 2020 12:58 pm
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