बांसवाड़ा जिले में 15 दिन के ब्रेक के बाद मानसून सक्रिय हुआ तो कुछ हिस्सों में तो अच्छी बारिश पर कुछ में हल्की बूंदाबांदी ही हो कर रह गई। वहीं माही बजाज सागर बांध एक बार फिर छलकने को तैयार है।
बांसवाड़ा। जिले में 15 दिन के ब्रेक के बाद मानसून सक्रिय हुआ तो कुछ हिस्सों में तो अच्छी बारिश पर कुछ में हल्की बूंदाबांदी ही हो कर रह गई। सर्वाधिक बारिश केसरपुरा में 40 एमएम से अधिक हुई। जबकि बांसवाड़ा 30 एमएम, घाटोल 30, भूंगड़ा 14, गढ़ी 21, लोहारिया 27 के साथ ही सल्लोपाट में 18 एमएम बारिश रिकार्ड की गई। इधर, शहर में सुबह से की धूप भी निकली और बादल भी छाए। हवा की गति काफी मंथर हो गई। इससे उमस बढ़ गई। इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
इधर, मौसम विभाग ने दो दिन तक ऐसा ही मौसम रहने की चेतावनी जारी की है। उदयपुर संभाग का सबसे बड़ा जलस्रोत माही बजाज सागर बांध एक बार फिर छलकने को तैयार है। रविवार शाम 5 बजे बांध का जलस्तर 280.10 मीटर पहुंच गया, जबकि इसकी भराव क्षमता 281.50 मीटर है। अब यह महज 1.40 मीटर खाली है।
वर्तमान में डेम में 69.94 टीएमसी पानी संग्रहित है और इसे पूर्ण क्षमता तक भरने के लिए लगभग 7 टीएमसी पानी की और जरूरत है। लगातार हो रही बारिश और कैचमेंट क्षेत्र से पानी की आवक को देखते हुए यह संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही बांध के गेट खोले जा सकते हैं।
अगर ऐसा होता है, तो माही डेम अपने निर्माण के 41 वर्षों में 27वीं बार छलक पड़ेगा। माही डेम का निर्माण वर्ष 1972 में शुरू हुआ था। तत्कालीन मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी की पहल पर यह बांध वर्ष 1983 में बनकर तैयार हुआ। इसके बाद 11 नवंबर 1983 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसका उद्घाटन किया। 1984 से इसमें से पानी छोड़ना शुरू किया गया था।