RTE News : बांसवाड़ा जिले के 500 से ज्यादा निजी स्कूलों में शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत पढ़ रहे करीब 80 हजार बच्चों की फीस पुनर्भरण बकाया है। सरकार की ओर से करोड़ों रुपए के आवंटन पर शिक्षा विभाग कुंडली मारे बैठा है। इसके चलते डेढ़ माह से किसी को एक धेला तक नहीं मिला है। ताज्जुब यह कि सरकार से बजट भी दो-तीन साल में मंजूर होता है। इस बीच, बाकियात बढ़ती रहे तो भी कोई परवाह नहीं करता। हालांकि लाखों रुपए अटके होने से वित्तीय प्रबंधन में परेशानियों पर संचालक उगाही करते रहे हैं, लेकिन विवशता है कि उनकी कहीं जरा सी चूक से नाराजगी पर अधिकारी भारी पड़ सकते हैं। ऐसे में बेबसी है।
गौरतलब है कि तीन-चार साल से लंबित भुगतान को लेकर लगातार गुहार के बाद विरोध के स्वर उठने की आशंकाओं पर सरकार ने सभी जिलों को दीपावली मोटा बजट आवंटित किया है। बांसवाड़ा में प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग को करीब 8 करोड़ रुपए मिले हैं।
पोर्टल और विभागीय सूत्रों के अनुसार जिले में माध्यमिक शिक्षा के अधीन 166 निजी सैकंडरी-सीनियर सैकंडरी स्कूलों में 68 हजार 545 बच्चे आरटीई के तहत अध्यनरत हैं। इनके अलावा प्राथमिक शिक्षा विभाग के अधीन निजी स्कूलों का आंकड़ा 378 है, जहां सरकारी मदद से 11 हजार 811 बच्चे बिना कोई फीस दिए पढ़ रहे हैं। इनमें किसी का भुगतान तीन साल से तो किसी का दो साल से अटका है। मांग पर हर बार निजी शिक्षण संस्थाओं को बजट नहीं आने का हवाला देकर टाला जाता रहा है।
आरटीआई के तहत अध्ययनरत बच्चों की राशि के लिए बजट आ चुका है। भुगतान के लिए प्रक्रिया जारी है। दिवाली से पहले हो जाएगा।
शफब अंजुम, जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक एवं प्रारंभिक, बांसवाड़ा
कुछ स्कूलों से जानकारी आई कि विभागीय मुख्यालय से बजट मिलने पर भी भुगतान नहीं किया जा रहा। पुष्टि की है। बजट आ गया, इसलिए जल्द भुगतान की पूरी उम्मीद है। सभी को अपना दायित्व बोध कराते हुए विचलित हुए बगैर इंतजार करने को कहा है।
तरुण त्रिवेदी, जिलाध्यक्ष,निजी शिक्षण संस्थान संगठन, बांसवाड़ा
इसे लेकर निदेशालय, बीकानेर ने दिवाली से करीब डेढ़ माह पहले सुध ली। गत 12 सितंबर को अन्य जिलों के साथ निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने आदेश जारी कर अपने अधीन बांसवाड़ा के बच्चों की 2018-19 से गत सत्र 2023-24 की आरटीआई की किस्तों की बाकियात पेटे 4.17 करोड़ रुपए की मंजूरी भेजी। उधर, निदेशालय प्रारंभिक ने भी इसी आशय से बांसवाड़ा के लिए 4.25 करोड़ रुपए राशि भुगतान के लिए स्वीकृत की जो अनुपयोगी पड़ी है।
Published on:
24 Oct 2024 11:59 am