19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बांसवाड़ा : लढ्ढा अस्पताल में नवजात की मौत पर हंगामा, आक्रोशित लोगों ने निकाली रैली

त्र्यंबकेश्वर मंदिर से नारेबाजी करते हुए पहुंचे कलक्ट्री, जिला कलक्टर को दिया ज्ञापन, न्याय की गुहार

2 min read
Google source verification
banswara latest news

बांसवाड़ा. शहर के लढ्ढा अस्पताल में गत बुधवार को नवजात की मौत के मामले ने मंगलवार को फिर तूल पकड़ा। पिछले सात दिनों में प्रशासन की ओर से कार्रवाई न होने से नाराज परिजनों ने रोष जताया और कार्रवाई की मांग को लेकर सर्वसमाज के साथ जिला कलक्टर को कार्रवाई करने के लिए ज्ञापन सौंपा। इस दौरान परिजनों ने महात्मा गांधी अस्पताल प्रबंधन और पुलिस प्रशासन पर उचित कार्रवाई न करने के आरोप लगाए।

त्र्यंबकेश्वर मंदिर पर एकत्रित हुए

परिजनों को न्याय दिलानें के लिए सर्वसमाजजन सुबह त्र्यंबकेश्वर मंदिर पर एकत्रित हुए और रैली के रूप में लढ्ढा हॉस्पिटल के खिलाफनारे लगाते हुए कलक्ट्री परिसर पहुंचे। इस दौरान परिजनों के साथ सर्वसमाज के सुनील दोसी, आशुतोष मेहता, मांगीलाल तेली, मिलन पंड्या, मुकेश जोशी, चेतन कंसार, हिरेन कंसारा, किशन मीणा, नरेश कुमार, प्रताप, अलपेश कंसारा, कंसारा समाज अध्यक्ष प्रणीण कंसारा सहित कई लोग उपस्थित रहे।

डिप्टी से कहासुनी

कलक्ट्री पहुंचने पर भीड़ को पुलिस प्रशासन ने रोकने का प्रयास किया। इस पर समाजजनों ने कलक्टर से मुलाकत कर ज्ञापन देने की बात कही। इस दौरान डिप्टी वीराराम चोधरी और लोगों के बीच कार्रवाई को लेकर भी कहासुनी हुई। कुछ देर बाद पुलिस द्वारा गिने-चुने लोगों को ही कलक्टर ऑफिस में जाने की अनुमति दी गई।

कलक्टर के निर्देश के बाद मिली पोस्टमार्टम रिपोर्ट

कलक्टर से कार्रवाई की गुहार लगाने पहुंचे सर्वसमाज के लोगों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट न मिलने की बात कही तो। जिला कलक्टर भगवती प्रसाद से तत्काल पीएमओ डॉ. अनिल भाटी को पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। जिसके बाद शाम को रिपोर्ट पूर्ण कर कोतवाली भिजवाई गई।

यह है मामला

हीराबाग कॉलोनी निवासी रमेश कंसारा के बेटे जयदीप की पत्नी दिशा को प्रसव के लिए गत बुधवार सुबह साढ़े 11 बजे लढ्ढा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जिसका परीक्षण करने के बाद चिकित्सक ने तकरीबन डेढ़ बजे ऑपरेशन से प्रसव कराया, लेकिन जन्म के बाद से ही नवजात बेटे की तबीयत दुरुस्त नहीं थी। इस पर उसे वॉर्मर में रखा गया। बुधवार दोपहर से लेकर गत गुरुवार दोपहर तक उसे वहीं रहने दिया गया। गुरुवार दोपहर में चिकित्सक ने नवजात की तबीयत ठीक न होने का हवाला देकर उदयपुर ले जाने की बात कही। इस पर परिजन उसे आनन-फानन उदयपुर लेकर गए। उदयपुर पहुंचने पर जांच कर चिकित्सक ने दो घंटे पहले ही मौत हो जाना बताया। आहत परिजनों ने गुरुवार शाम को ही अस्पताल में चिकित्सक पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया।


बड़ी खबरें

View All

बांसवाड़ा

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग