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बांसवाड़ा में फेट निकालकर बेचा जा रहा दूध, खाने-पीने के सामान भी लैब टेस्ट में फेल, जानिए पूरा मामला…

food adulteration in rajasthan : लेब टेस्ट ने खोली मिस ब्रांड की पोल, अब आधा दर्जन से ज्यादा कोर्ट केस

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बांसवाड़ा में फेट निकालकर बेचा जा रहा दूध, खाने-पीने के सामान भी लैब टेस्ट में फेल, जानिए पूरा मामला...

बांसवाड़ा में फेट निकालकर बेचा जा रहा दूध, खाने-पीने के सामान भी लैब टेस्ट में फेल, जानिए पूरा मामला...

बांसवाड़ा. बांसवाड़ा में मिलावट और खाद्य सुरक्षा मानकों से परे खाने-पीने का सामान धड़ल्ले से बिक रहा है। डेयरियों पर फेट निकालकर दूध बेचा जा रहा है, तो किराणा दुकानों पर नमक भी तय मानकों वाला नहीं बिक रहा। इसके अलावा नमकीन, ब्रेड, आइसक्रीम सरीखे उत्पादन भी स्तरहीन बेचकर कारोबारी लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। यह तथ्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से की गई जांच के दौरान लिए आधा दर्जन से नमूने प्रयोगशाला की जांच में फेल होने से सामने आए हैं। ऐसे में सब स्टेंडर्ड खाद्य सामग्री की पुष्टि पर अब विभाग ने विक्रेता कारोबारियों और फर्मों के खिलाफ अदालती कार्रवाई शुरू की है। विभागीय सूत्रों के अनुसार गत 27 जुलाई को शहर में व्यास बेकरी से खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा लिए ब्रेड के नमूने पर निर्माण तिथि, उपयोग अवधि, एमआरपी आदि का उल्लेख नहीं था। उसे जांच के लेब में भेजने पर ब्रेड मिस ब्रांड पाई गई। इसी तरह खांदू कॉलोनी में 14 जून को मेवाड़ दूध डेयरी से लिए दूध के नमूने में फेट बहुत कम और पानी की मात्रा ज्यादा पाई गई। जांच में पुष्टि के साथ उक्त दूध सब स्टैंडर्ड प्रमाणित हुआ।

इसके अलावा विभागीय दल ने 11 मई को किशनपोल गेट के बाहर मेसर्स भागचंद खुशीराम की दुकान से नमक का लिया नमूना जांच में फेल हो गया। इसी तरह माही डेम मार्ग पर आईटीआई के सामने दादाजी गृह उद्योग से 14 फरवरी को नमकीन का नमूना लिया गया, वह भी जांच में अमानक पाया गया। इससे पहले परतापुर में 11 फरवरी,19 को मनपंसद स्वीट मार्ट से लिया नमकीन का नमूना भी सब स्टैंडर्ड होने की पुष्टि हुई। कस्बे में ही सारगिया किराणा स्टोर से इसी दिन लिया टॉफी का नमूना भी लेब की जांच में फेल हो गया। उधर, घाटोल में 14 जून को प्रेम मेवाड़ा आइसक्रीम से लिया नमूना और इसी कस्बे में हसमुख सेठ नमकीन भंडार से लिया नमकीन का नमूना जांच में अमानक पाया गया। नमकीन सोयाबीन तेल की बताई गई, जबकि लेब की जांच से दूसरे तेल से बनी होने की पुष्टि हुई। खाद्य सुरक्षा अधिकारी अशोक गुप्ता ने बताया कि सब स्टेंडर्ड उत्पाद बेचते पाई गई फर्मों एवं मालिकों के खिलाफ न्याय निर्णयन अधिकारी कोर्ट में इस्तगासे दायर किए हैं। अब सुनवाई के बाद मिलावट से जुड़े इन प्रकरणों के निर्णय पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी।


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