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बांसवाड़ा : माही बांध से नहरों में छोड़ा पानी, खेतों में सिंचाई के लिए 15 अप्रेल तक जारी रहेगा जल प्रवाह

mahi dam banswara, mahi canal in banswara : माही की नहरों में जल प्रवाह, पानी की उठी हिलोरें, कृषि जमीन होगी सिंचित

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बांसवाड़ा : माही बांध से नहरों में छोड़ा पानी, खेतों में सिंचाई के लिए 15 अप्रेल तक जारी रहेगा जल प्रवाह

बांसवाड़ा : माही बांध से नहरों में छोड़ा पानी, खेतों में सिंचाई के लिए 15 अप्रेल तक जारी रहेगा जल प्रवाह

बांसवाड़ा. जिले के सबसे बड़े बांध माही डेम की दायीं और बायीं मुख्य नहरों में रविवार रात करीब आठ बजे पानी छोड़ा गया। इससे अब किसान अपने नमी सूख चुके खेतों की पिलाई कर रबी की बुवाई कर सकेंगे। नहरों में कृषि सिंचाई के लिए जल प्रवाह 15 अप्रेल तक जारी रहेगा। माही नहर परियोजना के अधीक्षण अभियंता प्रहलाद राय खोईवाल ने बताया कि डेम की दायीं व बायीं नहर में शुरुआत में 100 से 200 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसके बाद हर दिन इसकी मात्रा बढ़ाई जाती रहेगी। टेल तक पानी पहुंचने के बाद किसानों की मांग के अनुसार पानी की मात्रा बढ़ाई जाती रहेगी। इस बार नहरों में पानी गत वर्ष की अपेक्षा 10 विलंब से छोड़ा गया है। गत वर्ष नहरों में एक नवंबर को पानी छोड़ा गया था और अप्रेल के प्रथम पखवाड़े तक चला था। इस बाद दस दिन की देरी से पानी छोड़ा गया है और 15 अप्रेल तक चलेगा। माही की दोनों मुख्य नहरों व छोटी बड़ी वितरिकाओं की लंबाई 1800 किमी है। जिसमें दायीं मुख्य नहर 1000 किमी तथा बायीं मुख्य नहर 800 किमी है। इसमें अकेली दायीं नहर ही 70 किमी लंबी है। इसमें पूरे सीजन में 1060 क्यूसेक तथा 800 क्यूसेक पानी छोड़ा जाना है।

पानी की जरूरत पांच प्रतिशत किसानों को, नहरों की सफाई 90 फीसदी : - जानकारी के अनुसार अभी तक किसानों के खेतों में नमी ही नहीं सूखी है। पांच प्रतिशत किसान ऐसे होंगे, जिन्हें सिंचाई की आवश्यकता है। विभाग किसानों की मांग के अनुसार पानी की मात्रा में वृद्धि करता रहेगा। टेल तक पानी पहुंचाने के लिए अंतिम छोर की नहरों की सफाई कार्य अभी जारी है। अधिकारियों का दावा है कि दायीं व बायीं मुख्य नहरों के अलावा इनसे जुड़ी सभी छोटी-बड़ी वितरिकाओं की भी लगभग 90 फीसदी सफाई की जा चुकी है। प्रथम चरण में नहरों की सफाई का इस बार बहुत कम समय मिला। बारिश के अंतिम दौर तक जारी रहने से इस बार नहरों की मरम्मत सफाई के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल सका। वैसे हर बार करीब दो ढाई महीने का समय मिल जाया करता था, लेकिन इस बार एक माह का समय भी नहीं मिला। माही डेम परियोजना के अधीक्षण अभियंता प्रहलाद राय खोईवाल ने बताया कि बांध की दोनों नहरों में पानी छोड़ दिया है। 10 दिन बाद इनसे जुड़ी वितरिकाओं में भी पानी छोड़ा जाएगा। इससे किसानों को सिंचाई का लाभ मिल सकेगा। रबी की बुवाई भी समय पर कर सकेंगे।


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