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कोरोना के संदिग्ध मरीज को चलती कार से उतारा, और फिर बीच सड़क पर जो हुआ…

डीएम और एसपी की मौजूदगी में सबसे पहले पटेल तिराहे पर लखनऊ से आती एक कार को रोका गया...

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कोरोना के संदिग्ध मरीज को चलती कार से उतारा, और फिर बीच सड़क पर जो हुआ...

कोरोना के संदिग्ध मरीज को चलती कार से उतारा, और फिर बीच सड़क पर जो हुआ...

बाराबंकी. बाराबंकी के बीचो-बीच शहर से गुजर रहे वाहन को अचानक ट्रैफिक पुलिस ने रोका। जांच में पचा चला कि वह कुवैत से आया है। 107 फारेनहाइट बुखार और आंखें लाल हैं। कोरोना संक्रमित देखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने प्लास्टिक वाले सेफगार्ड से राहगीर को रोका। स्वास्थ्य विभाग टीम ने उसे आइसोलेशन वार्ड भेजा। जहां उसका सैंपल लिया गया। यह नजारा था उस मॉकड्रिल का जो बाराबंकी में किया गया। दरअसल कोरोना संदिग्ध मरीजों को किस प्रकार जांच के लिए लाया जाए इसके लिए बाराबंकी में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।

डीएम और एसपी की मौजूदगी में सबसे पहले पटेल तिराहे पर लखनऊ से आती एक कार को रोका गया। कार पर ड्राइवर के साथ एक युवक बैठा था। युवक ने दिल्ली से आने की बात कही। पूछताछ में पता चला कि वह कुवैत से लखनऊ और फिर वहां से कार से अपने गांव जा रहा था। तत्काल स्वास्थ्य विभाग की टीम बुलाई गई। जांच में तापमान अधिक निकला। युवक को करीब 107 फारेनहाइट बुखार था। इस पर उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई। इस मॉकड्रिल में आलाधिकारी यह देखना चाहते थे कि जिले में कोरोना को लेकर तैयारियां कैसी हैं।

इस मॉकड्रिल को लेकर बाराबंकी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रमेश चन्द्रा ने बताया कि हमारे अस्पताल की स्थिति और मरीज को रखने में कोई समस्या नहीं आ रही है। जैसे ही यह मरीज आया ठीक वैसे ही सारा स्टाफ पूरे जीजान से जुट गया। अस्पताल में दूसरे स्तर के कोरोना मरीजो की सुविधा उपलब्ध है और तीसरे स्तर की व्यवस्था राजधानी लखनऊ में है।

वहीं बाराबंकी के जिलाधिकारी डॉक्टर आदर्श सिंह ने बताया कि यह एक मॉकड्रिल था। जिसमें हम अपनी तैयारियों को परखना चाहते थे। यह जरूरी था क्योंकि अगर को वास्तविक मरीज आये तो हमारे यहां किसी प्रकार की कमी न होने पाए। हम और भी जगह पर ऐसी तैयारियों का जायजा लेंगे।