
Barabanki
बाराबंकी. बाराबंकी में एक महिला के पति की गोली मार कर हत्या कर दी गई और अब उसे भी डरा धमका कर चुप रहने की हिदायत दी जा रही है। मगर इस महिला ने हार नहीं मानी और अपने पति के हत्यारों को सबक सिखाने निकल पड़ी है। स्थानीय पुलिस इसका सहयोग नहीं कर रही, फिर भी यह महिला जिले के पुलिस कप्तान और आला अधिकारीयों से मिलकर न्याय की गुहार लगा रही है। जब पुलिस की कार्यशैली से यह महिला सन्तुष्ट नहीं हुई तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश के बड़े अधिकारियों से इसने न्याय की गुहार लगाई है। इस महिला का आरोप है कि उसके पति का हत्यारा कोई और नहीं बल्कि उसका सगा ससुर है।
ससुर के थे अवैध संबंध
कुछ दिनों पहले हर्षिता सिंह नाम की महिला के पति आशुतोष सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी और पुलिस को यह सूचना दी गयी कि उसने आत्महत्या कर ली। मगर मृतक आशुतोष की पत्नी हर्षिता सिंह ने इसे हत्या करार देते हुए सनसनीखेज खुलासा किया था। हर्षिता सिंह ने पुलिस अधीक्षक बाराबंकी को प्रार्थनापत्र देकर बताया था कि उसके पति का हत्यारा कोई और नहीं बल्कि उसका ससुर जगन्नाथ सिंह ही है। जिसने अपनी भतीजी से अवैध संबंधों के चलते बेटे आशुतोष की हत्या कर दी। क्योंकि आशुतोष अपने पिता के अवैध सम्बन्धों में रोड़ा बन रहा था।
लगातार मिल रही धमकी
हर्षिता का आरोप है कि पुलिस अधीक्षक के आदेश पर मुकदमा दर्ज होने के बाद उसे और उसकी बेटी को लगातार धमकी मिल रही है। यहां तक कि स्थानीय पुलिस भी उन्हें समझौते के लिए धमकाते हुए कह रही है कि सुलह कर लो नहीं तो जो शख्स अपने बेटे को मार सकता है वह तुम लोगों का क्या करेगा। हर्षिता ने बताया कि उनका ससुर जगन्नाथ सिंह प्रतापगढ़ में जिला जज के यहां दरोगा के पद पर कार्यरत है। इसीलिए पुलिस उनके पक्ष में बात कर रही है। हर्षिता ने पुलिस अधीक्षक बाराबंकी के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ प्रदेश के कई बड़े अधिकारीयों से लिखित शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है।
जांच के बाद होगी कार्रवाई
वहीं बाराबंकी में पुलिस व्यवस्था की समीक्षा करने आए ADG राजीव कृष्ण से जब इस संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने इस प्रकरण की जानकारी होने से इनकार करते हुए कहा कि महिला के आरोपों की जांच कराई जाएगी और स्थानीय पुलिस की भूमिका को भी जांचा-परखा जाएगा। जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। हत्यारे ससुर के पुलिस में होने और स्थानीय पुलिस द्वारा उनका पक्ष लिए जाने के सवाल पर ADG ने कहा कि मात्र आरोप लगा देने से किसी को नौकरी से तो नहीं निकाला जा सकता है। मगर पीड़ित महिला के आरोपों की जांच कराकर सत्यता का पता जरूर लगाया जाएगा।
Updated on:
19 Oct 2018 02:35 pm
Published on:
19 Oct 2018 02:33 pm
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