
जहरीली शराब के कहर को समझा बीमारी से मौत, बिना पोस्टमार्टम कराया अंतिम संस्कार, सरकारी मदद से हुए महरूम
बाराबंकी. सरकारी ठेके से खरीदी गई जहरीली शराब पीने से अब तक करीब 26 लोगों की मौत हो गई। इस दिल दहला देने वाली घटना में किसी ने पति, बेटा या भाई खोया तो किसी के सिर से पिता का साया उठ गया। कई बच्चे अनाथ हो गए। मृतकों के परिवारवालों की चीख से कई गांव के लोग अब तक सदमे में हैं। एक घर तो ऐसा भी था जहां से चार अर्थियां एक साथ निकलीं। यहां पिता और तीन बेटों की जान जहरीली शराब ने ले ली। वहीं कई लोगों के परिजनों ने बीमारी से मौत समझकर अंतिम संस्कार कर दिया। ऐसे में अब इनको किसी तरह की सरकारी मदद भी नहीं मिल रही।
जहरीली शराब पीने से मौत
बाराबंकी के रामनगर थाना क्षेत्र का रानीगंज चौराहा हमेशा गुलजार रहता था। लेकिन जहरीली शराब कांड के बाद से यह चौराहा दिन के उजाले में भी सन्नाटे की चादर ओढ़े है। हादसे में जान गंवाने वालों में से कई के घरों में कमाने वाला कोई नहीं बचा। गरीबी और सरकारी मदद से महरूम कई मृतकों के बच्चे अब पढ़ाई छोड़ रहे हैं क्योंकि उनके घरों में दो जून की रोटी कमाने वाला अब कोई नहीं बचा।
कटहरी गांव के विनय प्रताप की मौत जहरीली शराब पीने से हुई थी। लेकिन परिवार वालों ने उनकी मौत को बीमारी समझकर अंतिम संस्कार किया। लेकिन गांव के दूसरे लोगों की तबीयत बिगड़ने से मौत होने पर पता चला कि मौत जहरीली शराब पीने से हुई है। विनय के शव का पोस्टमार्टम नहीं हुआ। लिहाजा उसके परिवार वालों को सरकार की तरफ से कोई मुआवजा मिलना मुश्किल है। कुछ ऐसा ही हाल मृतक राजेंद्र के परिवार का है। मौत के बाद उसके शव का भी पोस्टमार्टम नहीं कराया गया। लिहाजा परिवार सरकारी मदद से महरूम है। अब विनय और राजेंद्र की पत्नी सरकार से मदद मांग रही है, जिससे वह अपने परिवार को संभाल सके।
रानीगंज के एक घर से चार लोगों की मौत हुई। पिता और तीन बेटों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई। वहीं अकोहरा गांव निवासी राजेश की मौत से परिवार तबाह हो गया। राजेश के परिवार में पत्नी ममता के साथ दो बेटियां और एक बेटा है। राजेश की पत्नी ने बताया कि शराब पीने के बाद उसके पति की तबीयत खराब हुई और कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। पति की मौत के बाद पत्नी ममता बेसहारा हो गई है और सरकार से मदद की आस लगाए बैठी है। जहरीली शराब पीने से बीमार हुए अकोहरा गांव के निवासी सर्वेश को ट्रामा सेंटर रेफर किया गया था। ट्रामा में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
पुलिस, एडीएम और आबकारी विभाग की संयुक्त टीम करेगी काम
इस मामले में बाराबंकी के जिलाधिकारी उदय भानु त्रिपाठी ने बताया कि जहरीली शराब पीने से कुल 21 मृतकों के परिजनों को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से दो-दो लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जा चुकी है। जबकि तीन लोग जिनकी संदिग्ध अवस्था में मौत हुई थी, जिनकी मौत की जांच के लिए सीएमओ की अध्यक्षता में टीम गठित की गई है। टीम की रिपोर्ट मिलने के बाद आश्रितों को आर्थिक सहायता देने के बारे में निर्णय लिया जाएगा। डीएम ने बताया कि जिलेभर में अब जहरीली शराब का कोई मामला सामने न आए इसके लिए पुलिस, एडीएम और आबकारी विभाग की संयुक्त टीम बनाई गई है।
Updated on:
03 Jun 2019 05:38 pm
Published on:
03 Jun 2019 03:17 pm
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