19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नौलाइयां नहीं, जला रहे खेत की ताकत, खेतों में लगा रहे आग

जिले के सीसवाली क्षेत्र में अब किसान नौलाइयां जलाने में जुटे हैं। चम्बल सिंचित क्षेत्र में आमतौर पर गेहूं की बुवाई जिले के अन्य क्षेत्रों की तुलना में विलम्ब से होती है। ऐसे में इस क्षेत्र में गेहूं की कटाई का दौर अप्रेल माह के दूसरे पखवाड़े तक चलता है।

2 min read
Google source verification
नौलाइयां नहीं, जला रहे खेत की ताकत, खेतों में लगा रहे आग

नौलाइयां नहीं, जला रहे खेत की ताकत, खेतों में लगा रहे आग

बारां जिले में इनदिनों भी किसान खेतों में खड़ी नौलाइयों (गेहूं की फसल के अवशेष) को जलाने से बाज नहीं आ रहे। इससे जिले में आगजनी की कई घटनाएं हो चुकी हैं तो खेतों की उर्वराशक्ति बढ़ाने के लिए खाद के समान उपयोगी फसलों के बहुपयोगी अवशेष नष्ट हो रहे हैं। जिला प्रशासन व कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को कई बार आगाह कर इनके फायदें बता चुके हैं। लेकिन किसान मानसून सत्र की आहट से खेतों की जल्द साफ-सफाई कर उन्हें बुवाई के लिए तैयार करने में जुटे हैं।
जिले के सीसवाली क्षेत्र में अब किसान नौलाइयां जलाने में जुटे हैं। चम्बल सिंचित क्षेत्र में आमतौर पर गेहूं की बुवाई जिले के अन्य क्षेत्रों की तुलना में विलम्ब से होती है। ऐसे में इस क्षेत्र में गेहूं की कटाई का दौर अप्रेल माह के दूसरे पखवाड़े तक चलता है। क्षेत्र के किसान अब गेहूं के बेचान से फ्री होने के बाद खेतों में पहुंच नौलाइयां जला रहे है। इनदिनों अन्ता व मांगरोल तहसील क्षेत्रों के अन्य गांवों के किसान भी खेतों का कचरा साफ करने के लिए इस काम में जुटे हुए हैं। इससे आगजनी का खतरा बढ़ रहा है। गत दिनों क्षेत्र के महुआ गांव में नौलाइयां जलाने से आग बेकाबू होकर घरों की दहलीज तक जा पहुंची थी।
किसानों को ही नुकसान
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि खेतों में फसलो के अवशेष जलाने से कई नुकसान होते हैं। यह अवशेष खेतों की हकाई के बाद मिट्टी में दब जाते हैं तथा बाद में यह खाद के समान उपयोगी साबित होते हैं। जबकि इन्हें जलाने से खेतों की मिट्टी में कठोरता आती है तथा कई प्रकार के कृषि मित्र जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। इसका नुकसान किसानों को ही उठाना पड़ता है।
-फसल की कटाई के साथ ही किसानों को फसलों के अवशेष नहीं जलाने की अपील की जाती है। कई बरसों से किसानों को इनके फायदों के अलावा इनसे होने वाली उत्पादन वृद्धि के बारे में भी बता रहे हैं। इसके बावजूद किसान नहीं मानते। इस समय कोरोना काल होने से ऐसे किसानों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है।
अतीश कुमार शर्मा, उपनिदेशक कृषि विस्तार


बड़ी खबरें

View All

बारां

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग