बारां

चार दिवारी गायब, क्लोजर उजड़े

जलवाड़ा वन विभाग की उदासीनता से नाहरगढ़ नाका क्षेत्र में लाखों की लागत से बने क्लोजरों की चार दिवारियां लोगों ने तोड़ दी हैं। इसके पत्थर लोग चुरा ले गए हैं।

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Feb 18, 2019

जलवाड़ा वन विभाग की उदासीनता से नाहरगढ़ नाका क्षेत्र में लाखों की लागत से बने क्लोजरों की चार दिवारियां लोगों ने तोड़ दी हैं। इसके पत्थर लोग चुरा ले गए हैं। पर्यावरण प्रेमी भगवानदास कुशवाह व बलदेव गुर्जर के अनुसार नाहरगढ़ नाके में आधा दर्जन से अधिक बेशकीमती क्लोजरों की चार दिवारियों के पत्थर अज्ञात लोग चुरा ले गए हैं। इसमें जन्म झिरी मार्ग का क्लोजर, जन्म झिरी गांव के निकट के दो क्लोजर, नेहरूपुरा के निकट के दो क्लोजर, जिसमें से एक क्लोजर की करीब एक किलो मीटर की पत्थर चार दीवारी को भी अज्ञात लोग चुरा कर ले गए हैं। मात्र रोड़ के समीप की थोड़ी बहुत चार दिवारी शेष बची है। बताया जाता है कि इस क्लोजर के पत्थर दो माह पूर्व ही ले गए हैं। यही हाल भंवरगढ़ मार्ग के दो क्लोजरों का है। यहां भी रोड़ के समीप की चार दिवारियों के ही अवशेष बचे हंै। इसी प्रकार से महोदरी वन क्षेत्र के दो क्लोजर के पत्थर व चार दिवारी भी गायब है। उल्लेखनीय है कि एक दशक पूर्व क्लोजरों को लाखों रूपयों की लागत से विभिन्न योजनाओं के अंर्तगत विकसित किया गया था, ताकि पर्यावरण का दायरा विकसित हो। लेकिन विभागीय कर्मचारियों की अनदेखी के चलते यह सब चोरों की भेंट चढ़ गए। विभागीय कर्मचारियों ने कभी यह प्रयास ही नहींं किया कि आखिर क्लोजरों के पत्थरों को कौन चुरा कर ले गए। अब क्लोजरों की चार दिवारी नहीं रहने से असुरक्षित हो गए हैं। इसी प्रकार से जलवाड़ा नाका के अहमदी वन खंड के एक क्लोजर की चार दिवारी हटा कर लोगों ने रास्ता बना रखा है। रास्ते में होकर दर्जनों मवेशी क्लोजर में चरने के लिए घुसते हैं। वहीं कुछ लोग भी टै्रक्टरों को क्लोजर में हो कर निकालते हैं।
उजडऩे के कगार पर क्लोजर
चार दिवारियां हटने से बेरोकटोक सैंकड़ो मवेशी इनमें चर रहे हैं । लोग ईंधन के लिए पैड़,पौधों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कई लोगों ने वन भूमि पर आवासों का निर्माण कर बस्तियां बसा ली है। ताज्जुब तो इस बात का है कि नाहरगढ़ में ही वन पाल कार्यालय के साथ ही क्षेत्रीय वन अधिकारी का कार्यालय भी है। यहॉं दूर दराज के नाके हैं और अपर्याप्त स्टॉफ है।
कर रहे अवैध काश्त
जलवाड़ा नाके के हालात भी जुदा नहीं हैं। यहां अतिक्रमियों ने वन कर्मियों की लापरवाही से वन भूमि को अपनी खातेदारी समझ कब्जा कर लिया है । यह लोग सहज रूप से अवैध काश्त को अंजाम दे रहे हैं। कई अतिक्रमियो ने तो बड़े-बड़े फार्म हाऊस बना कर पत्थर की चार दिवारियां बना ली है। नाका के पंडाली, बमोरी,अहमदी, ढिकोयिा, घट्टी, परानिया में अतिक्रमियों ने वन भूमि पर कब्जा कर पत्थर की चार दिवारें कर ली है। किशनपुरा नाके में भी कई अतिक्रमियों ने वन भूमि पर पत्थर चार दीवारी कर कब्जा कर लिया है।
-यदि क्लोजरों की चार दिवारियों को अज्ञात लोग चुरा कर ले गए हैंं तो इस मामले को गंभीरता से दिखवाऊंगा।
वीर सिंह ओला, जि.स.उ.सं. छीपाबड़ौद

Published on:
18 Feb 2019 05:56 pm
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