19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

गुगोर, रामपुरिया और जैपला के जंगलों से अंधाधुंध कटाई, तस्कर कूट रहे चांदी

सरकार जंगलो को बचाने के लिए करोड़ों खर्च कर लोगों में जागरुकता लाने का जतन कर रही है, वहीं दूसरी और यहां हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई का मामला लगातार गंभीर होता जा रहा है, लेकिन वन विभाग की चुप्पी सवालिया निशान खड़े कर रही है। जब-जब भी उक्त अवैध कटाई का मामला समाचारों के माध्यम से सामने आता है, तब लोगों में उम्मीद जगती है कि अब जिम्मेदार विभाग इस पर कड़ी कार्रवाई करेगा।

2 min read
Google source verification

बारां

image

Mukesh Gaur

Dec 19, 2025

सरकार जंगलो को बचाने के लिए करोड़ों खर्च कर लोगों में जागरुकता लाने का जतन कर रही है, वहीं दूसरी और यहां हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई का मामला लगातार गंभीर होता जा रहा है, लेकिन वन विभाग की चुप्पी सवालिया निशान खड़े कर रही है। जब-जब भी उक्त अवैध कटाई का मामला समाचारों के माध्यम से सामने आता है, तब लोगों में उम्मीद जगती है कि अब जिम्मेदार विभाग इस पर कड़ी कार्रवाई करेगा।

source patrika photo

डीएफओ ने कहा : मामले की जांच के आदेश, दोषियों पर होगी कार्रवाई

छबड़ा. सरकार जंगलो को बचाने के लिए करोड़ों खर्च कर लोगों में जागरुकता लाने का जतन कर रही है, वहीं दूसरी और यहां हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई का मामला लगातार गंभीर होता जा रहा है, लेकिन वन विभाग की चुप्पी सवालिया निशान खड़े कर रही है। जब-जब भी उक्त अवैध कटाई का मामला समाचारों के माध्यम से सामने आता है, तब लोगों में उम्मीद जगती है कि अब जिम्मेदार विभाग इस पर कड़ी कार्रवाई करेगा। लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। वन विभाग उदासीन रवैये के कारण लकड़ी माफिया खुलेआम अपने काम को अंजाम दे रहे हैं।

कार्रवाई के नाम पर मूकदर्शक बना विभाग

कहने को तो हरे पेड़ों की कटाई व दोहन पर रोक के लिए प्रशासन ने वन विभाग का पूरा अमला तैनात कर रखा है। यही नहीं पर्यावरण विभाग भले ही पेड़ों की निरंतर कटाई पर ङ्क्षचता जता रहा है। लेकिन वन विभाग की कार्रवाई बस स्लोगन तक सिमटी है। लकड़ी माफिया क्षेत्र में से हरे पेड़ों को कटवाकर अंधाधुंध दोहन में मशगूल हैं। वन विभाग तो बस एक वृक्ष, एक पुत्र के समान या धरती का श्रृंगार हैं, वृक्ष जैसे नारों तक सिमटा दिखाई पड़ रहा है। चाहे पर्यावरण सुरक्षा के लिए वन एवं पेड़ों की अहमियत जो भी हो पर धड़ल्ले से पेड़ों का कटना जारी है। यहां के गुगोर, रामपुरिया, जैपला आदि नाको के अधीन क्षेत्रों में हरे-भरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलने का कार्य बदस्तूर जारी है। आश्चर्य की बात तो यह है कि विभागीय अधिकारियों को जानकारी मिलने के बाद अनजान बनकर बैठे हुए रहते हैं, मानों कुछ पता ही न हो।

इधर प्लांटेशन, उधर उजड़ रहे जंगल

पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए राज्य सरकार प्लांटेशन पर जोर दे रही है और उसकी सुरक्षा के लिए लाखों-करोड़ों रुपए का बजट भी जारी कर रही है। इसके साथ ही निगरानी के लिए विभाग का बड़ा अमला भी कार्यरत है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही नहीं करना जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशाना खड़ा करता है।

हकीकत कुछ और

पर्यावरण संरक्षण से जुड़े लोगों को कहना है कि यदि इसी तरह बेरोकटोक पेड़ों की कटाई होती रहेगी, तो एक दिन ना ही जंगल बचेगे और न ही वन्यजीव बचेंगे। उल्लेखनीय है कि जब भी कार्यवाही की जाती है तब छोटो पर ही की जाती है, बड़ों पर क्यो नहीं। विभाग छोटी-मोटी कार्यवाही कर इतिश्री कर लेता है, बल्कि जमीनी हकीकत कुछ और ही है। •िाम्मेदार भले ही उक्त कटाई के मामले में अनभिज्ञता जाहिर करते हो फिर यहां आरा मशीनों पर लकडिय़ां कहां से आ रही है।

मामले की जांच कर की जाएगी कार्यवाही

इस मामले में डीएफओ विवेकानंद बड़े से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि हरे-भरे पेड़ों की कटाई व आरा मशीनों तक पहुंच रही लकडिय़ों के मामले को उन्होंने गंभीरता लिया है। इस मामले में एसीएफ छीपाबडौद को मामले की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट उन्हें प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। जांच में जो भी दोषी होगा, उसे किसी भी सूरत पर बख्शा नही जाएगा। वहीं, उनके द्वारा अवैध गतिविधियों को लेकर सख्त कदम उठाए जाएंगे।

समय-समय पर की जाती है कार्रवाई

क्षेत्रीय वन अधिकारी भारत राठौर का कहना है कि समय-समय पर लकड़ी तस्करों के खिलाफ वन विभाग टीम के साथ कार्रवाई करता है। फिर भी अगर ऐसी शिकायत मिलती है तो नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।


बड़ी खबरें

View All

बारां

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग