मलमास का महत्व पंडितों के अनुसार मलमास का विशेष महत्व है। सूर्य मेष आदि राशियों में भ्रमण करते करते 15 दिसम्बर की रात्रि को 10.21 बजे धनु राशि में प्रवेश करेगा। इस समय में सभी शुभ कार्य विवाह, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश, नींव पूजन, नए प्रतिष्ठान का शुभारंभ आदि निषेध रहेंगे। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर्व मनाया जाएगा। इसके बाद मांगलिक कार्य पुन: प्रारंभ होंगे।
14 मार्च से 14 अप्रेल तक रहेगा मीन मास ज्योतिषाचार्य पं. जनार्दन शुक्ला ने बताया कि 14 मार्च के बाद में मीन संक्रांति आरंभ होगी। यह भी मलमास की श्रेणी में आता है। 14 मार्च से 14 अप्रैल के बीच अलग-अलग प्रकार के साधना-उपासना का अनुक्रम रहेगा। 14 अप्रेल के बाद पुन: मांगलिक कार्य की रूपरेखा शुरू होगी। मलमास में श्रद्धालु तिल, तेल और गुड़ से बनी खाद्य वस्तुओं सहित गर्म वस्त्रों, कंबल आदि का दान-पुण्य करेंगे। धूणों पर अलाव तापने के लिए लकडिय़ां, गोबर के उपले आदि का दान पुण्य भी होगा।
जनवरी में विवाह मुहूर्त मलमास की समाप्ति के बाद जनवरी में शादी-विवाह के लिए कई शुभ मुर्हुत है। पंडित के अनुसार 16, 18, 21, 22 और 23 जनवरी को शुभ मुहूर्तों में विवाह आयोजन होंगे। फरवरी में 2, 6, 7, 8, 13, 14, 18, 20, 21 और 25 तारीख को शुभ मुहूर्तों में विवाह कार्यक्रम होंगे। 2 फरवरी को बसंत पंचमी विवाह के लिए अबूझ सावा है।