
39 पंचायतों पर मात्र 3 हैण्डपम्प मिस्त्री, प्रत्येक के जिम्मे 13 का भार
किशनगंज. पंचायतीराज विभाग द्वारा पेयजल सुविधा के लिए ग्रामीण इलाकों में लगाए जाने वाले हैण्डपम्प मिस्त्रियों की कमी के चलते लंबे समय तक खराब रहते हैं। किशनगंज ब्लॉक क्षेत्र की 39 पंचायतों में लगे करीब 1800 से अधिक हैण्डपम्प की मरम्मत का भार मात्र 3 मिस्त्रियों पर है। पंचायत राज विभाग के अधीन हैण्डपम्प मिस्त्री चतुर्थ श्रेणी की ग्रेड में शामिल हैं। गर्मियों में हैण्डपम्प खराब होने पर तीन मिस्त्रियों को ही भागदौड़ करनी पडती है। मिस्त्रियों की कमी के चलते कई बार हैण्डपम्प लम्बे समय तक ठीक नहीं हो पाते है। इससे ग्रामीणों को भारी परेशानी होती है। ब्लॉक क्षेत्र मे सामान्य रूप से एक हैण्डपम्प मिस्त्री पर 13 पंचायतों के हैण्डपम्प की देखरेख का भार है। 39 पंचायत क्षेत्रों लगे हैण्डपम्पों की रिपेयङ्क्षरग के लिए मिस्त्रियों को पंचायत समिति मुख्यालय से निजी साधनों से 60 से 70 किमी तक का सफर करना पडता है। इन मिस्त्रियों को गर्मी के समय चलने वाले पेयजल अभियान के दोरान दिया जाने वाला यात्रा भत्ता भी 5 वर्ष से लम्बित हैं।
टूलकिट व पाट््र्स नहीं करवाए उपलब्ध
हैण्डपम्प मिस्त्रियों को ग्राम पंचायतों मे टूल किट व पुर्जे उपलब्ध करवाने के विकास अधिकारी ने ग्राम पंचायतों के ग्राम विकास अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे। लेकिन मिस्त्रियों को ग्राम पंचायतों में टूलकिट व पुर्जे उपलब्ध अब तक नहीं कराए गए हैं। इससे भी उनको काम करने में समस्या आती है।
संविदा पर भर्ती करें
भौगोलिक ²ष्टि से क्षेत्र बड़ा होने के कारण 3 मिस्त्री अपर्याप्त हैं। ऐसे में हैण्डपम्पों की सार सम्भाल व रिपेयङ्क्षरग समय पर नहीं हो पाती है। पंचायत राज विभाग को हैण्डपम्पों की व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए ठेका पद्दति अथवा संविदा पर भर्ती के माध्यम से मिस्त्रियों की व्यवस्था करनी चाहिए।
& हैंडपंप मिस्त्री ठेका पद्धति या अन्य तरीके से लगाने के लिए पंचायत समिति के पास व्यवस्था नहीं है। जिला परिषद में इस संबंध में जानकारी ले ली गई है, सिर्फ ग्रीष्मकाल में पेयजल अभियान के दौरान ही अतिरिक्त मिस्त्री लगाकर व्यवस्था बनाई जा सकती है।
सूर्य प्रकाश जारवाल, विकास अधिकारी पंचायत समिति, किशनगंज
Published on:
02 Feb 2024 08:53 pm
बड़ी खबरें
View Allबारां
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
