झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में स्कूल की छत गिरने की घटना को लेकर बारां जिले में भी जर्जर स्कूलों की हालात को लेकर व्यापक स्तर चर्चा होने के साथ ही सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के अभिभावकों को भी चिन्ता सताने लगी है।
बारां. झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में स्कूल की छत गिरने की घटना को लेकर बारां जिले में भी जर्जर स्कूलों की हालात को लेकर व्यापक स्तर चर्चा होने के साथ ही सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के अभिभावकों को भी चिन्ता सताने लगी है। वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग में भी जर्जर भवनों के मामले को लेकर हड$कम्प मचा हुआ है। जिले में संचालित 1230 स्कूलों में से चिन्हित किए गए जर्जर हालात के 167 स्कूलों की सूची बनाकर अब भिजवाई गई है। जबकि जिले के कई जनप्रतिनिधि ऐसे जर्जर विद्यालयों की मरम्मत की मांग पूर्व में उठा चुके हैं।
मापदंड तय करने होंगे
हादसे के बाद सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के माता पिता पसोपेश में हैं। ऐसे में अब अभिभावकों को भी जागना होगा। उन्हें भी यह तय करना होगा की उनका बच्चा जहां शिक्षा ग्रहण कर रहा है। वहां वह कितना सुरक्षित है। इतना ही नहीं इसके खिलाफ आवाज भी उठानी होगी। सरकार व सिस्टम के भरोसे अपने बच्चों को छोड$कर जिम्मेदारी से दूर हट जाना उचित नही होगा। स्वयं जाकर यह देखें कि स्कूलों में व्यवस्थाओं के क्या हाल है। शाला समितियां भी महज खानपूर्ति की स्थिति में ही हंै। सामूहिक जिम्मेदारी से ही बच्चों का भविष्य उज्ज्वल और सुरक्षित हो पाएगा।
अंशुल व्यास, सामाजिक कार्यकर्ता
पहले ही लिख दिया पत्र
मैंने प्रारम्भिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर को 15 जुलाई को ही क्षेत्र राजकीय प्राथमिक विद्यालय मजराबीड़, समेत क्षेत्र के जर्जर स्कूलों को लेकर अवगत करवाया था। इसमें विद्यालय भवन जर्जर अवस्था में होने के साथ ही बरसात के मौसम में छतों से टपकते पानी व जानमाल की हानि के खतरा बने रहने की बात कही थी। विद्यालय भवनों में छत से पानी टपकने के कारण फर्नीचर, टेबल, कुर्सियां अलमारियां बक्से इत्यादि सामान के भीगने का भी जिक्र किया गया था।
प्रतापसिंह सिंघवी, छबड़ा विधायक
घटना फिर से न हो
घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार स्कूलों को चिन्हित कर पुख्ता कार्रवाई हो। किशनगंज शाहाबाद क्षेत्र आदिवासी क्षेत्र होने के साथ ही लम्बा क्षेत्र है। जहां पर विभागीय उदासीनता रहती आई है। क्षेत्र के स्कूलों के लिए अतिरिक्त बजट की आवश्यकता है। वही ऐसे हालातो के मध्य बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कार्य हो।
डॉ. ललित मीणा, किशनगंज विधायक
अब तत्परता से कार्य हो
ऐसी दुख:द घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों संवेदनशीलता से कार्य करना चाहिए। क्षेत्र के जितने भी जर्जर व क्षतिग्रस्त भवन है। उनका व्यापक सर्वे करवाकर आगामी व्यवस्था की जानी चाहिए। जर्जर भवनों को लेकर मुख्यमंत्री ने भी गंभीरता पूर्वक सख्त दिशा निर्देश दिए है। वहीं आगामी समय में बच्चों की शिक्षा के लिए सुरक्षित व पुख्ता इंतजाम कर कार्य करवाएंगे।
राधेश्याम बैरवा, बारां विधायक
आमली में एनएच पर लगाया जाम
अटरू . चरडाना के आमली विद्यालय में पानी भरने व जर्जर भवन के हालात सुधारने को लेकर आमली के ग्रामीणों ने शनिवार को प्रात: एनएच 90 स्थित हाइवे पर जाम लगा दिया। जाम लगने से दोनों और वाहनों की कतारें लग गई। सूचना मिलने पर उपखंड अधिकारी ओमप्रकाश चंदोलिया व पुलिस मौके पर पहुंची और समझाइश के बाद जाम खोला। ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय की जर्जर हालत व विद्यालय में पानी भरने को लेकर गांव के लोग कितनी ही बार प्रशासन को अवगत करा चुके हैं,लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा। मौके पर पहुंचे उपखंड अधिकारी ने लोगों को समझा कर जाम हटाया। उपखंड अधिकारी ओमप्रकाश ने पत्रिका को बताया कि आमली स्कूल के पास में एक युवक ने नाला बंद कर अतिक्रमण कर लिया है, जेसीबी लगाकर नाला खुलासा कर परिसर में भरने वाला पानी निकाल दिया है, विद्यालय में दो कमरे जर्जर थे, उन्हें बंद कर दिया है, यहां एक आंगनबाड़ी केंद्र का भवन के हालात भी ठीक नहीं थे, उसे भी बंद कर दिया है।