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घोषणाओं की बौछार में भी प्यासा ही रहा बारां
राज्य विधानसभा में सोमवार को मौजूदा सरकार के अन्तिम बजट में घोषणाओं की बौछार तो हुई, लेकिन जिले की बड़ी उम्मीदों को लेकर लोग निराश रहे। लोग इस सरकार के पांचवें व अन्तिम बजट के लोकलुभावन होने की आस लगाए बैठे थे बजट की पैकिंग भी वैसी ही नजर आ रही थी लेकिन प्रोडक्ट जब सामने आया तो उससे लोगों को निराशा ही हाथ लगी। जिले के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना हमेशा बड़ी चुनौती रहा है। सरकार ने राज्य भर में एक लाख लोगों की नई भर्ती करने की घोषणा की है लेकिन जिले के कितने लोगों को इससे राहत मिलेगी कहा नहीं जा सकता। जिले में पर्यटन से रोजगार की दिशा में ठोस पहल बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार से जोड़ सकती थी। बजट में लघु व सीमान्त कृषकों के ५० हजार रुपए के कर्ज माफ करने के अलावा लगान की माफी की घोषणा राहत देने वाली है। लेकिन इसमें सभी किसानों को शामिल किया जाना चाहिए था। वरिष्ठ भाजपा नेता व कोयला ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच मोहनलाल गालव का कहना है कि बजट में इस वर्ग के किसानों के अनदेखी करना दुखद है। जिले में कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना के बारे में भी जिक्र तक नहीं किया गया। अटरू में राजकीय महाविद्यालय को छोड़ उच्च शिक्षा को लेकर कोई घोषण नहीं हुई।
जन जातीय उपयोजना क्षेत्र के ऐसे १ लाख ७० हजार ६६० किसान जिनके घरों पर बिजली कनेक्शन नहीं हैं उन्हें सोलर लैंप दिए जाएंगे।
बारां जिले की किशनगंज एवं शाहाबाद तहसीलों के जनजाति -गैर जन जाति बीपीएल एवं अन्तयोदय परिवारों को खरीफ २०१८ में मक्का के अधिसूचित संकर किस्मों के ८ लाख बीज मिनी किट्स का निशुल्क वितरण किया जाएगा।
दिसम्बर २०१८ से पहले एक लाख लोगों को नियुक्तियां दी जाएंगी। इनमें शिक्षा विभाग में ७७ हजार एक सौ, गृह विभाग में ५७१८ प्रशासनिक सुधार में ११९३० स्वास्थ्य में ६५७१ पद भरे जाएंगे। इसके साथ अगले वर्ष के लिए ७५ हजार भर्तियां निकाली जाएंगी।
बारां जिले को आरएसीपी योजना में शामिल किया है इससे शुद्ध पेयजल मिलेगा।
खनन बजरी के छोटे पट्टे दिए जाएंगे।
सभी जिला मुख्यालों पर नंदी गौशाला खोली जाएगी।
प्रत्येक जिले में १०० हैण्ड पम्प खोदे जाएंगे।
प्रत्येक नगरपालिकाओं में एक अम्बेडकर भवन बनाया जाएगा।
Published on:
13 Feb 2018 12:49 pm
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