
Baran News: बारां के मऊ क्षेत्र में लहसुन की खेती का जैसे-जैसे रकबा बढ़ता जा रहा है। वैसे-वैसे ही गांवों में महिलाओं मजदूरों की ज्यादा आवश्यकता पड़ने लगी है। लहसुन की बढती खेती से गांवों में महिला मजदूरों को अपने ही गांव में काफी रोजगार मिलने लगा है। मजदूरी करके गांवों में कई महिलाएं स्वावलंबी होकर अपने परिवार का खर्चा चला रही हैं।
लहसुन उत्पादक किसानों को लहसुन की खेती में फसल की निंदाई-गुड़ाई के लिए फसल की बुवाई से लेकर कटाई तक महिला मजदूरों की काफी आवश्यकता होती है। लहसुन की फसल की भी दो से तीन बार निंदाई-गुडाई होती है। इस कार्य में गांवों की महिलाएं प्रवीण और कुशल होती हैं। इसलिए लहसुन उत्पादक किसान लहसुन की लहसुन की फसल की निंदाई और गुड़ाई के काम में पुरूष की अपेक्षा महिला मजदूरों को प्राथमिकता देते हैं। अभी क्षेत्र के रावलजावल, मऊ, खानपुरिया, भटेडिया, रेनगढ़ आदि गांवों में लहसुन की फसल की निंदाई-गुड़ाई का कार्य जोरों पर है।
दिनभर महिलाएं लहसुन के खेतों में लहसुन की फसल की निंदाई-गुड़ाई के काम में व्यस्त रहती हैं। खेतों में भी महिला मजदूरों के झुंड लहसुन के खेतों में नजर आते हैं। जब से क्षेत्र में लहसुन की खेती होने लगी है तब से इस खेती से महिलाओं को अपने गांव में ही अच्छा रोजगार मिलने लगा है। लहसुन उत्पादक किसानों को भी लहसुन की खेती से हर साल अच्छा लाभ मिल रहा है। इससे लहसुन उत्पादक किसान आर्थिक रूप से संपन्न हो रहे हैं।
Published on:
09 Feb 2025 01:58 pm
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