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केन्द्र सरकार की योजना की कछुआ चाल, बिजली कटौती से हो रहा लोगों का बुरा हाल

सरकार की ओर से निर्बाध और गुणवत्ता पूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लाई गई योजना दो बरस बाद भी कछुआ चाल से चल रही है।

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बारां

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Jyoti Kumar

Jun 01, 2023

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बारां। सरकार की ओर से निर्बाध और गुणवत्ता पूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लाई गई योजना दो बरस बाद भी कछुआ चाल से चल रही है। अधिकारियों की ओर से अप्रेल 2023 से किसानों को योजना के तहत दिन के समय बिजली देने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन यह अवधि बीते करीब एक माह का समय हो गया। अब तक तो धेला भर भी काम धरातल पर नजर नहीं आ रहा है। इससे लगता है इस वर्ष भी किसानों को सिंचाई के लिए सर्दी की रातों में ब्लॉक वार बिजली मिलेगी और किसानों को ठिठुरते हुए ही सिंचाई करनी होगी। इस दौरान शहरी उपभोक्ताओं को भी असुविधा होने की आशंका है।

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इस तरह गुजरते जा रहे है दिन

सूत्रों के मुताबिक केन्द्र सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए सुधार आधारित और परिणाम से जुड़ी पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) लागू की गई थी। इसके तहत एक वर्ष पहले जिले में सर्वे कार्य पूरा कर लिया गया था और उसके प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र सरकार को भेज दिए गए थे। इसके बाद टैंडर प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन टैंडर प्रक्रिया पूरी होने में काफी समय लग गया। अब करीब डेढ़ माह पहले जयपुर की एक संवेदक फर्म को कार्यादेश दिए गए हैं। जबकि अप्रेल 2023 तक किसानों को कृषि कार्य के लिए दिन में बिजली देने का लक्ष्य तय किया गया था। यह अवधि टैंडर के कार्यादेश जारी होने तक ही पूरी हो गई।

कृषि ओर शहरी दोनों क्षेत्र में होगा बदलाव

योजना के तहत कृषि विद्युत तंत्र और घरेलू विद्युत तंत्र को अलग-अलग किया जाएगा। घरेलू विद्युत तंत्र से कृषि क्षेत्र में आपूर्ति नहीं की जाएगी और कृषि विद्युत तंत्र से घरेलू उपभोक्ताओं को कनेक्शन नहीं दिए जाएंगे। इससे दोनों क्षेत्र में विद्युत भार में कमी आएगी तो उपभोक्ताओं को निर्बाध एवं गुणवत्तापूर्ण बिजली मिलेगी। इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में आधुनिकीकरण किया जाएगा। किसानों के लिए कृषि फीडरों को सोलर ऊर्जा से चलाया जाएगा।

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चोरी रोकने के लिए तीन स्तर से होगी निगरानी

योजना के पहले चरण में चोरी छीजत में कमी लाकर इसे 12 से 15 फीसदी तक और उससे भी कम रखना है। इसके लिए जर्जर लाइनों को बदला जाएगा। फीडरों को छोटा किया जाएगा। ट्रांसफार्मरों का लोड कम किया जाएगा। तीन स्तर पर विद्युत मीटर लगाए जाएंगे। घरों पर प्रीपेड बिजली मीटर लगाए जाएंगे। घरों के अलावा ट्रांसफार्मर और फीडर स्तर पर भी मीटर लगाकर निगरानी रखी जाएगी।


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