
कांग्रेस नेता सलीम उर्फ मुन्ना कुरैशी (फोटो सोर्स: पत्रिका)
बरेली। शहर के चर्चित बदमाश व कांग्रेस नेता सलीम उर्फ मुन्ना कुरैशी पर आखिरकार प्रशासन का डंडा चल गया। लगातार अपराधों और इलाके में दहशत फैलाने के आरोपों के बाद एडीएम (नगर) सौरभ दुबे की अदालत ने उसे छह महीने के लिए बरेली से जिला बदर कर दिया है।
सोमवार को सुनाए गए फैसले में अदालत ने साफ कहा कि मुन्ना कुरैशी आदतन अपराधी है और इलाके में उसकी मौजूदगी से लोग डरते हैं। ऐसे में उसे जिले में रहना जनहित के लिए खतरनाक है।
पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक मुन्ना कुरैशी पर मारपीट, रंगदारी, धमकी, जुआ-सट्टा और कब्जेदारी जैसे कई संगीन मुकदमे दर्ज हैं। मोहल्ले के लोगों ने शपथपत्र देकर बताया कि मुन्ना और उसका गैंग लंबे समय से इलाके में अवैध काम कर रहे हैं। शिकायत करने वालों को धमकाया जाता है और गवाहों को डराकर मुकदमों को प्रभावित किया जाता है। वहीं मुन्ना कुरैशी की ओर से अदालत में दलील दी गई कि कई मुकदमों में वह बरी हो चुका है या समझौता हो गया है। आरोप लगाया गया कि यह कार्रवाई राजनीतिक रंजिश और वक्फ संपत्ति हड़पने की साजिश के तहत की जा रही है।
अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मुन्ना कुरैशी को छह महीने तक जिले की सीमा से बाहर रहना होगा। हालांकि, किसी मुकदमे की पैरवी के लिए अगर उसे आना पड़े तो पहले थाने को सूचना देनी होगी और अदालत से अनुमति लेनी होगी। इस फैसले के बाद पुलिस-प्रशासन ने साफ कर दिया है कि शहर में गुंडागर्दी और अवैध काम करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
इस मामले में सलीम उर्फ मुन्ना कुरैशी ने बताया कि मेरे ऊपर पांच मुकदमे लिखे गए थे। जिसमें से तीन मुकदमे माननीय न्यायालय से दोष मुक्त हो चुके हैं। केवल दो मुकदमे बचे हैं। जिनमें मारपीट, जान से मारने की धमकी और गाली गलौज की धाराएं हैं। मेरी वक्फ प्रॉपर्टी छीनने की कोशिश एक आईएमसी नेता के द्वारा की जा रही है। दबाव बनाने के लिए मेरे ऊपर जुआ, सट्टा, रंगदारी के झूठे आरोप लगाए गए हैं। मेरे ऊपर इस तरह के कोई मुकदमे दर्ज नहीं है।
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Updated on:
25 Aug 2025 08:55 pm
Published on:
25 Aug 2025 08:00 pm
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