बरेली

कॉलोनियों में सीवेज ट्रीटमेंट को लेकर बीडीए सख्त, एसटीपी न लगाने वालों को थमाया नोटिस, 15 दिन की मोहलत

बीडीए ने कचरा और सीवेज प्रबंधन में लापरवाही बरतने वाली कॉलोनियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। प्राधिकरण ने निर्देश दिया है कि सभी हाउसिंग सोसायटी और कॉलोनियों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाना अनिवार्य होगा। इसी क्रम में गुरुवार को बीडीए की टीम ने शहर की प्रमुख पांच कॉलोनियों में औचक निरीक्षण कर एसटीपी की स्थिति का जायजा लिया।

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May 29, 2025
बीडीए की टीम ने किया निरीक्षण (फोटो सोर्स: पत्रिका)

बरेली। बीडीए ने कचरा और सीवेज प्रबंधन में लापरवाही बरतने वाली कॉलोनियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। प्राधिकरण ने निर्देश दिया है कि सभी हाउसिंग सोसायटी और कॉलोनियों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाना अनिवार्य होगा। इसी क्रम में गुरुवार को बीडीए की टीम ने शहर की प्रमुख पांच कॉलोनियों में औचक निरीक्षण कर एसटीपी की स्थिति का जायजा लिया।

एसटीपी की मशीनें लगीं, लेकिन चालू नहीं

निरीक्षण में केवल एक कॉलोनी रूहेलखंड मेडिकल कॉलेज परिसर में एसटीपी लगा और सक्रिय अवस्था में पाया गया। जबकि महानगर कॉलोनी और सुपर सिटी कॉलोनी में एसटीपी की स्थापना तो हुई थी, लेकिन उसका संचालन नहीं किया जा रहा था। इसके अलावा आशीष रॉयल पार्क और ग्रीन पार्क कॉलोनी में एसटीपी का निर्माण ही नहीं कराया गया था।

15 दिन की मोहलत, लापरवाही पर होगी कार्रवाई

बीडीए उपाध्यक्ष डॉ. ए. मनिकंडन ने बताया कि निरीक्षण के दौरान जिन कॉलोनियों में एसटीपी नहीं लगा है या संचालन बंद पाया गया है, उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है। साथ ही 15 दिन का समय दिया गया है कि वे निर्धारित मानकों का पालन करें, अन्यथा उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 की धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

होटल और बारातघर संचालकों को भी निर्देश

बीडीए ने बारातघर, होटल और अन्य वाणिज्यिक परिसरों के मालिकों को भी सख्त निर्देश दिए हैं कि वे अपने प्रतिष्ठानों में पार्किंग, कचरा निस्तारण और एसटीपी जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करें। डॉ. मनिकंडन ने बताया शासन की गाइडलाइन के अनुसार सभी निजी और वाणिज्यिक संस्थानों को पर्यावरणीय जिम्मेदारी निभानी होगी। जो नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी और इसका पूरा उत्तरदायित्व संबंधित कॉलोनाइजर या संचालक का होगा।

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