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अमिताभ बच्चन के दामाद निखिल नंदा समेत नौ लोगों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज

ट्रैक्टर एजेंसी के एक डीलर द्वारा आत्महत्या करने के मामले में पुलिस ने अमिताभ बच्चन के दामाद निखिल नंदा समेत 9 लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है। यह मामला कोर्ट के आदेश के बाद दर्ज हुआ है। मृतक डीलर ने अपनी सुसाइड नोट और परिवार को बताया था कि कम सेल होने पर उसे धमकाया जा रहा था और लाइसेंस निरस्त करने की धमकी देकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था।

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अमिताभ बच्चन और जया बच्चन के साथ निखिल नंदा

बदायूं। ट्रैक्टर एजेंसी के एक डीलर द्वारा आत्महत्या करने के मामले में पुलिस ने अमिताभ बच्चन के दामाद निखिल नंदा समेत 9 लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है। यह मामला कोर्ट के आदेश के बाद दर्ज हुआ है। मृतक डीलर ने अपनी सुसाइड नोट और परिवार को बताया था कि कम सेल होने पर उसे धमकाया जा रहा था और लाइसेंस निरस्त करने की धमकी देकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था।

मृतक के भाई ज्ञानेंद्र सिंह की शिकायत पर दातागंज कोतवाली में इन 9 लोगों पर केस दर्ज

  1. आशीष बालियान (एरिया मैनेजर)
  2. सुमित राघव (सेल्स मैनेजर)
  3. दिनेश पंत (बरेली हेड)
  4. पंकज भाकर (फाइनेंस कलेक्शन)
  5. अमित पंत (सेल्स मैनेजर)
  6. नीरज मेहरा (सेल्स हेड)
  7. निखिल नंदा (दामाद अमिताभ बच्चन, पुत्र राजन)
  8. शिशांत गुप्ता (डीलर, शाहजहांपुर)
  9. एक अज्ञात व्यक्ति

बिक्री बढ़ाने को लेकर कर रहे थे प्रताड़ित, डाल रहे थे दबाव

मृतक जितेंद्र सिंह (40) दातागंज, बदायूं में "जय किसान ट्रेडर्स फार्म ट्रैक ट्रैक्टर" नामक ट्रैक्टर एजेंसी चलाता था। उसका बिजनेस पार्टनर लल्ला बाबू पारिवारिक विवाद के चलते जेल चला गया था, जिससे जितेंद्र अकेले एजेंसी संभाल रहा था। कंपनी के अधिकारी और फाइनेंसर बार-बार एजेंसी पर आकर जितेंद्र पर सेल बढ़ाने का दबाव बना रहे थे। वे कहते थे कि अगर वह सेल नहीं बढ़ाएगा तो एजेंसी का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा और उसे इतना परेशान कर देंगे कि उसकी पूरी संपत्ति बिक जाएगी।

21 नवंबर को सुनाई खरी खोटी और धमकाया

ज्ञानेंद्र सिंह बताया कि 21 नवंबर 2024 को आरोपी एजेंसी पहुंचे और जितेंद्र को खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। अगले दिन, 22 नवंबर 2024 को सुबह 6 बजे, जितेंद्र ने आत्महत्या कर ली।
परिवार का कहना है कि यदि कंपनी के अधिकारियों ने मानसिक दबाव न बनाया होता, तो जितेंद्र आत्महत्या नहीं करता।

पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कोर्ट जाना पड़ा

परिवार ने पहले थाने में शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। इसके बाद वे उच्च अधिकारियों के पास गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आखिरकार, परिवार ने कोर्ट का सहारा लिया, जिसके आदेश पर अब एफआईआर दर्ज की गई है। एसएसपी बदायूं बृजेश सिंह ने बताया कि मामले में नियमानुसार विधिककार्रवाई की जा रही है


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