
oldest man
बरेली। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के नाना सैयद जुर्रियत हुसैन काजमी का लम्बी बीमारी के बाद इंतकाल हो गया। वो 116 साल के थे और शहर के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति थे। देर रात दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। सबसे बुजुर्ग व्यक्ति के निधन की सूचना पर शहर में शोक की लहर दौड़ गई। उन्हें सोमवार को कर्बला में दफनाया जाएगा।
अंग्रेजों की पुलिस में की नौकरी
किला क्षेत्र में रहने वाले सैयद जुर्रियत हुसैन काजमी ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने गुलामी से लेकर नवाबी और आजाद भारत की पुलिस का हिस्सा रहे। इनका जन्म मुरादाबाद के कुलवाड़ा गांव में हुआ था। इन्होने चौथी तक पढ़ाई की थी। सैयद जुर्रियत हुसैन काजमी ने जमींदारी के बावजूद अंग्रेजी हुकूमत में पुलिस में भर्ती होने रामपुर आ गए। अंग्रेज अफसर बिलटोनी ने इनकी कद काठी देखते हुए इन्हें पुलिस में भर्ती कर लिया। इन्होंने 1940 में रामपुर के नवाब हामिद अली की फ़ोर्स में काम किया। देश आजाद होने के बाद ये 1950 से 1070 तक आजाद भारत की पुलिस में सिपाही रहे।
महात्मा गांधी ने दिया पुरस्कार
सैयद जुर्रियत हुसैन काजमी ने अपनी नौकरी के दौरान कई बार बहादुरी दिखाई जिसके कारण इन्हें कई बार सम्मानित किया जा चुका है। सैयद जुर्रियत हुसैन काजमी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से भी इनाम मिल चुका है। राष्ट्रपिता ने इन्हे पांच रूपये इनाम में दिए थे। इसके साथ ही राष्ट्रपति जाकिर हुसैन और फखरुद्दीन अली अहमद भी सैयद जुर्रियत हुसैन काजमी को सम्मानित कर चुके हैं।
जागरूक मतदाता थे
सैयद जुर्रियत हुसैन काजमी एक जागरूक मतदाता भी थे। इतनी ज्यादा उम्र होने के बाद भी वो हर चुनाव में वोट डालने जरूर जाते थे। विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने मतदान किया था, तब उनकी उम्र 115 वर्ष थी।
Published on:
18 Jun 2018 05:04 pm
बड़ी खबरें
View Allबरेली
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
