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दोषी कम, दोषमुक्त ज्यादा सुनकर भड़के कमिश्नर और आईजी, बोले ये कैसी पैरवी

बरेली। कमिश्नर सौम्या अग्रवाल और आईजी डॉ. राकेश कुमार सिंह ने चारों जिलों की पहली बार मंडल स्तरीय अभियोजन की समीक्षा की। इसमें महिला अपराध और पॉक्सो एक्ट से संबंधित 52 मुकदमों की समीक्षा की गई। इसमें दोषी कम और दोषमुक्त ज्यादा सुनकर कमिश्नर और आईजी भड़क गए। उन्होंने कहा कि यह कैसी पैरवी हो रही है।

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मई में 27 हुए दोषमुक्त, 12 मामलों में सुनाई गई सजा

सोमवार को कमिश्नर कार्यालय में मंडल स्तरीय अभियोजन बैठक हुई। इसमें सभी चारों जिलों के डीएम, एसपी, एडी अभियोजन व समस्त डीजीसी और एडीजीसी उपस्थित रहे। बैठक में महिला संबंधित और पॉक्सो एक्ट के 52 मुकदमों पर चर्चा की गई। इसमें महिला संबंधी अपराधों के 17 और पॉक्सो के 35 मुकदमे थे। जिनमें बरेली में आठ दोषमुक्त, 7 मुकदमों में दोष सिद्ध की कार्रवाई की गई। शाहजहांपुर में 8 दोष मुक्त और एक दोष सिद्ध मुकदमे का निस्तारण हुआ। बदायूं में 7 दोषमुक्त दो में दोष सिद्ध की सजा सुनाई गई। पीलीभीत में 4 दोषमुक्त और 2 मुकदमों में दोष सिद्ध की सजा सुनाई गई। कमिश्नर ने बताया कि मई माह की समीक्षा में दोष सिद्ध के मामले कम थे। दोषमुक्त ज्यादा हुए हैं। लचर पैरवी पर संबंधित अधिकारियों की फटकार लगाते हुए पैरवी तेज करने के निर्देश दिए। जिससे कि अभियोजन पक्ष की लापरवाही से साक्ष्यों के पक्षद्रोही ना हो। जिससे कि मुकदमों में आरोपी दोषसिद्ध हो जाएं।

अफसरों का स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश

आईजी और कमिश्नर ने जिले के अफसरों को निर्देश दिए कि जिन महिला संबंधी अपराधों, पॉक्सो एक्ट, टॉप टेन अपराधियों गैंगस्टर के विरुद्ध जब्तीकरण की कार्रवाई में प्रयास करके दोषी को कठोर दंड नहीं दिलाया गया है। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही रही है। ऐसे अधिकारियों को चिन्हित कर उनका स्पष्टीकरण लें। उनके खिलाफ कार्रवाई करें। मुकदमों की पैरवी में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


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