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क्या आप खरीदना चाहते हैं ओसवाल शुगर मिल, 29 को नीलाम होगी लगाएं बोली, किसानों का 70 करोड़ बकाया

किसानों और गन्ना समिति को 70 करोड़ रुपये भुगतान न कर पाने के बाद अब प्रशासन ने नवाबगंज की ओसवाल शुगर मिल को नीलाम करने की तैयारी पूरी कर ली है। 29 दिसंबर को 642 बीघा जमीन की बोली लगेगी। उप निबंधक के मुताबिक इस जमीन का आरंभिक मूल्य 156 करोड़ रुपये तय किया गया है।

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बरेली। किसानों और गन्ना समिति को 70 करोड़ रुपये भुगतान न कर पाने के बाद अब प्रशासन ने नवाबगंज की ओसवाल शुगर मिल को नीलाम करने की तैयारी पूरी कर ली है। 29 दिसंबर को 642 बीघा जमीन की बोली लगेगी। उप निबंधक के मुताबिक इस जमीन का आरंभिक मूल्य 156 करोड़ रुपये तय किया गया है। इसके बाद मिल परिसर में मौजूद भवन, मशीनरी और अन्य संसाधनों की अलग से नीलामी होगी।

नीलामी का नोटिस मिल गेट पर चस्पा कर दिया गया है। डीएम की ओर से गठित टीम भवन और मशीनरी के मूल्यांकन में जुटी है। कर्मचारी आवासों में रह रहे कुछ लोगों को भी धीर-धीरे हटाया जा रहा है। जिला प्रशासन के मुताबिक नीलामी प्रक्रिया से मिलने वाली राशि से पहले किसानों का बकाया समायोजित किया जाएगा, शेष धनराशि मिल प्रबंधन को लौटाई जाएगी। एसडीएम नवाबगंज उदित पवार ने बताया कि मिल प्रबंधन से कई बार संपर्क किया गया, लेकिन भुगतान टलता रहा। नीलामी से मिली धनराशि में से किसानों का बकाया निकाला जाएगा।

किसानों ने किया धरना प्रदर्शन, हो चुकी एफआईआर

नवाबगंज की इस चीनी मिल पर वर्ष 2023-24 का 18 करोड़ और वर्ष 2024-25 का 39.45 करोड़ रुपये किसानों का गन्ना मूल्य बाकी है। इसमें गन्ना समिति का अंशदान और ब्याज जोड़कर कुल बकाया 70 करोड़ रुपये बैठता है। जिला गन्ना अधिकारी दिलीप कुमार सैनी के अनुसार गन्ना आयुक्त ने वसूली के लिए आरसी जारी कर दी थी, जिसके बाद सहकारी गन्ना विकास समिति की सचिव मेघा जोशी ने गत 2 सितंबर 2025 को हाफिजगंज थाने में मिल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी। किसानों का धरना-प्रदर्शन लगातार जारी है। नौ दिन पहले तहसील में धरना चला और 11 दिसंबर को भी किसानों ने प्रदर्शन कर बकाया भुगतान की मांग की थी। किसानों का कहना है कि वर्षों से गन्ना मूल्य लंबित है और मिल प्रबंधन भुगतान से बचता रहा है।

प्रशासन ने दी कई बार चेतावनी, अब शुरू हुई कार्रवाई

डीएम कार्यालय से मिल प्रबंधन को पांच बार पत्र जारी किए गए। शासन स्तर से भी 25 सितंबर 2024 और 14 जुलाई 2025 को नोटिस भेजे गए, मगर कोई सुधार नहीं हुआ। अंततः जिला प्रशासन ने कठोर रुख अपनाते हुए नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी है। किसान इसे राहत की उम्मीद के रूप में देख रहे हैं। उनका कहना है कि यदि नीलामी से राशि प्राप्त होती है तो गन्ना मूल्य का भुगतान होने की संभावना मजबूत होगी। दूसरी ओर मिल प्रबंधन के खिलाफ दर्ज मुकदमे और चल रही कानूनी कार्रवाई भी तेजी पकड़ चुकी है।


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