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बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता अंबा प्रसाद सस्पेंड, गुरुजी की शरण में पहुंचे, जानें क्या

शहर में बिजली की आपूर्ति और राजस्व वसूली को सुधारने में विफल रहने के बाद अधीक्षण अभियंता अंबा प्रसाद को निलंबित कर दिया गया है। पूरे साल के दौरान न तो बिजली व्यवस्था पटरी पर आ

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बरेली। शहर में बिजली की आपूर्ति और राजस्व वसूली को सुधारने में विफल रहने के बाद अधीक्षण अभियंता अंबा प्रसाद को निलंबित कर दिया गया है। पूरे साल के दौरान न तो बिजली व्यवस्था पटरी पर आई, और न ही राजस्व वसूली में कोई उल्लेखनीय प्रगति हो पाई। अंबा प्रसाद, जिनका कार्यकाल एक साल भी पूरा नहीं हो सका, अपनी अधूरी तैयारियों और जवाबदेही में कमी के कारण चर्चा में रहे।

प्रभारी मंत्री की बैठक में जनप्रतिनिधियों ने की थी शिकायत

पिछले दिनों पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल की समीक्षा बैठक के दौरान, अंबा प्रसाद अपने विभागीय कामकाज की तैयारी में कमजोर नजर आए और कई सवालों के संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। इसके बाद हाल ही में प्रभारी मंत्री जेपीएस राठौर की बैठक में भी जनप्रतिनिधियों की शिकायतों ने उनके खिलाफ नाराजगी और बढ़ा दी। इन सभी बातों के बाद, रविवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस में पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष ने उन्हें निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया।

बिजली व्यवस्था और राजस्व वसूली में विफलता

अंबा प्रसाद वशिष्ठ शहर में बिजली वितरण प्रणाली को संभालने में असफल रहे। बिजली की लगातार कटौती, खासकर जून से अगस्त के दौरान सुभाषनगर में कई बार हुए ब्रेकडाउन ने स्थिति को और खराब कर दिया। इसके बाद लोगों की शिकायतें मुख्यालय तक पहुंचीं, लेकिन करोड़ों रुपये के बजट के बावजूद बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने का काम पूरा नहीं हो पाया। अधूरी तैयारियों और बिजली संकट के बीच, राजस्व वसूली में भी कोई खास सुधार नहीं हो पाया, जिससे पावर कॉरपोरेशन के अधिकारियों में असंतोष बढ़ा। यही कारण उनके निलंबन का प्रमुख आधार बना। इसके अतिरिक्त, कई बिजली अधिकारियों का सितंबर का वेतन भी अब तक जारी नहीं हो सका है, जो विभाग में और असंतोष फैला रहा है।

हे गुरु जी, आप ही करवा दो मेरा उद्धार

अधीक्षण अभियंता के निलंबन के बाद विभाग के कुछ अन्य अधिकारी शहर में रहने वाले एक गुरुजी के पास पहुंचे। यह माना जा रहा है कि वे गुरुजी से निलंबन को रद्द कराने की अपील कर रहे थे। विभागीय स्तर पर यह खबर चर्चा में रही कि अधिकारी देर रात तक इस मुद्दे पर समाधान की कोशिश में जुटे रहे। लेकिन पिछले दिनों बिजली विभाग और गुरु जी काफी सुर्खियों में रहे। बेवजह गुरुजी का नाम बिजली विभाग के अफसरों की वजह से सामने आने पर उन्होंने भी नाराजगी व्यक्त की थी। इस वजह से अब निलंबन रद्द होना मुश्किल है।
अंबा प्रसाद को लगातार बिजली आपूर्ति और राजस्व वसूली में सुधार लाने के निर्देश दिए जा रहे थे, लेकिन इसमें कोई ठोस बदलाव नहीं आ पाया। आखिरकार, उनके निलंबन के साथ यह अध्याय समाप्त हुआ।


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