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बरेली में पर्यावरण नियमों की खुलेआम उड़ाई जा रही धज्जियां, निगम कर्मचारियों ने कूड़ा उठाने के बजाय लगा दी आग, मोहल्ले वालों ने बुझाई लपटें

नगर निगम के पर्यावरण विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। शहर के बड़ा बाजार क्षेत्र में नगर निगम कर्मियों ने कूड़ा उठाने के बजाय उसमें आग लगा दी, जिससे इलाके में धुएं का गुबार फैल गया और लोगों को सांस लेने में परेशानी होने लगी। घटना को लेकर स्थानीय निवासियों में आक्रोश है।

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बरेली में पर्यावरण नियमों की खुलेआम उड़ाई जा रही धज्जियां(फोटो सोर्स: पत्रिका)

बरेली। नगर निगम के पर्यावरण विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। शहर के बड़ा बाजार क्षेत्र में नगर निगम कर्मियों ने कूड़ा उठाने के बजाय उसमें आग लगा दी, जिससे इलाके में धुएं का गुबार फैल गया और लोगों को सांस लेने में परेशानी होने लगी। घटना को लेकर स्थानीय निवासियों में आक्रोश है।

शनिवार को बड़ा बाजार स्थित कटरा मानराय के पास बैंक ऑफ बड़ौदा वाली गली में यह शर्मनाक घटना सामने आई। मोहल्ले में पहले से ही कूड़े का ढेर जमा था, जिसमें खाद्य पदार्थ और पॉलीथिन जैसी सामग्रियां पड़ी थीं। स्थानीय लोगों के मुताबिक गोवंश भी कूड़े के ढेर में खाने की चीजें तलाश रहा था, तभी नगर निगम के कर्मचारी आए और बिना कूड़ा उठाए उसमें आग लगाकर चले गए।

इस लापरवाही से आग की लपटें इतनी तेज उठीं कि आसपास के मकानों तक असर पहुंचा। घबराए मोहल्ले वालों – मोहित मिश्रा, मनी मिश्रा, अम्बुज गुप्ता, सितु गुप्ता, अतुल सिंघल और विवेक गुप्ता – ने मिलकर बाल्टियों से पानी डालकर आग बुझाई। हालांकि धुएं के कारण देर तक लोग परेशान रहे।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर निगम के कर्मचारी अक्सर इस तरह की हरकत करते हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले की कई बार शिकायत की गई, लेकिन न तो कोई कार्रवाई हुई और न ही निगम के अधिकारियों ने इस पर ध्यान दिया।

लोगों का आरोप – ‘कर्मचारी नियमित रूप से आग लगाते हैं’

स्थानीय निवासी मोहित मिश्रा ने बताया, “यह पहली बार नहीं है। कई बार कर्मचारी कूड़े के ढेर में आग लगाकर चले जाते हैं। इससे बुजुर्गों और बच्चों को खासा नुकसान होता है। लेकिन जिम्मेदारों को कोई फर्क नहीं पड़ता।”

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर निगम दोनों जिम्मेदार

इस घटना से यह साफ हो गया है कि नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन करने में पूरी तरह विफल हैं। एक तरफ प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री पर्यावरण सुरक्षा की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी स्तर पर जिम्मेदार ही नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।

क्या कहते हैं नियम

स्वच्छ भारत मिशन और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत सार्वजनिक स्थानों पर कचरे को जलाना पूरी तरह प्रतिबंधित है। इससे पर्यावरण को नुकसान और नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर होता है।