
मुस्लिम महिलाओं की रहनुमा बनीं फरहत नकवी और निदा खान, मौलानाओं की नींद उड़ी
बरेली। बरेली की रहने वाली निदा खान और फरहत नकवी आज उन महिलाओं की आवाज बन कर उभरी है जिनकी सुनने वाला कोई नहीं था। फरहत और निदा लगातार मिल रही धमकियों के बाद भी तलाक पीड़ित महिलाओं के हक की लड़ाई लड़ रही हैं। निदा खान को जहाँ इस्लाम से खारिज किया जा चुका है वही दोनों के खिलाफ तालीबानी फरमान भी एक संस्था ने जारी किया हुआ है। बावजूद इसके बरेली की ये दोनों वीर नारियां तीन तलाक , बहु विवाह और हलाला प्रथा के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही हैं। यही कारण है कि मदद की आस में पीड़ित महिलाएं इनके पास आती है और ये दोनों महिलाएं ही पीड़ित महिलाओं की कानूनी मदद कर रही हैं। बरेली ही नहीं अब दूसरे जिलों की महिलाएं भी इनसे मदद मांग रही हैं।
मुकदमे कराए दर्ज
निदा खान की संस्था आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी और फरहत नकवी की संस्था मेरा हक फाउंडेशन पीड़ित महिलाओं की मदद का जरिया बन चुकी है। इन दोनों ने कई पीड़ित महिलाओं के मुकदमे भी दर्ज कराए है जबकि इन महिलाओं की पहले कही सुनवाई नहीं हुई थी। निदा खान से मदद मांगने आई किला की रहने वाली सबीना ने अपने ससुर पर हलाला करने का आरोप लगाया तो निदा की पहल पर सबीना के ससुर और अन्य ससुराल वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया इस मामले की जांच चल रही है। इसी तरह स्वालेनगर की रहने वाली तलाक पीड़ित रजिया के मामले फरहत नकवी की पहल पर रजिया के पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी और रजिया की मौत के बाद उसके पति की गिरफ्तारी हुई। देह व्यापार न करने पर बीवी को तलाक देने वाले एक अन्य शौहर पर भी किला थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
दोनों को मिली धमकियां
तलाक पीड़ित महिलाओं की आवाज बन चुकी निदा खान और फरहत नकवी को धमकियां भी मिल चुकी है। निदा खान के खिलाफ तो दरगाह आला हजरत के दारुल इफ्ता से फतवा जारी कर निदा को इस्लाम से खारिज किया जा चुका है। फतवा जारी होने के बाद एक अन्य संस्था ने फरहत और निदा के खिलाफ तालीबानी एलान किया था जिसमे निदा और फरहत की चोटी काट कर उन्हें पत्थर मार कर देश के बाहर करने वाले को 11786 रूपये इनाम देने का एलान किया था। धमकियां मिलने के बाद दोनों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
कौन है निदा- फ़रहत
निदा खान और फ़रहत नक़वी तलाक पीड़ित महिलाओं की लड़ाई लड़ रही है। निदा खान आला हजरत खानदान की बहु है लेकिन उनको पति ने तलाक दे दिया था जिसके बाद वो अपने मायके में रह रही है और पति के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रही है। निदा खान ने तलाक पीड़ित महिलाओं के लिए आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी नाम की संस्था बनाई है। जबकि फ़रहत नक़वी भी अपने शौहर से अलग अपने मायके में रह रही है। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की बहन फ़रहत नक़वी की संस्था मेरा हक फाउंडेशन तलाक पीड़ित महिलाओं की मदद करता है।
Published on:
06 Aug 2018 01:29 pm
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