
बरेली। बरेली बार एसोसिएशन में पहली बार ऐसा हुआ कि जनरल हाउस की बैठक भारी हंगामे और असहमति के बीच दो बार आयोजित करनी पड़ी। गाजियाबाद के जिला न्यायालय में पुलिस द्वारा वकीलों पर किए गए लाठीचार्ज के विरोध में बरेली बार की हड़ताल जारी रखी जाए या समाप्त की जाए, इस मुद्दे पर मंगलवार को असाधारण आमसभा बुलाई गई थी।
मंगलवार दोपहर 2:30 बजे बार सभागार में आयोजित इस असाधारण बैठक में कई अधिवक्ताओं ने हड़ताल खत्म करने की मांग की। जैसे ही बार अध्यक्ष मनोज हरित ने हड़ताल समाप्ति का प्रस्ताव रखा, अधिवक्ताओं का एक समूह इसका कड़ा विरोध करने लगा और हंगामा खड़ा हो गया। विरोध के कारण अध्यक्ष और सचिव बीपी ध्यानी बैठक छोड़कर चले गए।
बाद में अधिवक्ताओं के आग्रह पर बार सचिव बीपी ध्यानी दोबारा सभागार पहुंचे और फिर से जनरल हाउस की बैठक शुरू की गई। अधिकांश अधिवक्ताओं ने यह मांग की कि जब तक गाजियाबाद के अधिवक्ताओं को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक हड़ताल जारी रहनी चाहिए। सभी की राय को ध्यान में रखते हुए बार सचिव ने घोषणा की कि बुधवार को भी हड़ताल जारी रहेगी।
इस बीच, कुछ अधिवक्ताओं का यह भी कहना है कि अध्यक्ष द्वारा हड़ताल समाप्ति का निर्णय दे दिए जाने के बाद दोबारा जनरल हाउस बुलाना असंवैधानिक था। हालांकि, बहुमत की राय को देखते हुए हड़ताल जारी रखने का निर्णय किया गया।
Published on:
18 Nov 2024 09:18 pm
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