29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मोटिवेशनल: जल संरक्षण के लिए काम कर रही ये ग्राम पंचायत

सरकार के दिए हुए स्लोगन ‘गांव का पानी गांव में और खेत का पानी खेत में’ की तर्ज पर काम कर रही ग्राम पंचायत।

2 min read
Google source verification
Disturbing heat in the city of Vallabhnagar is disturbing

Campaign for save water in UP,save water,save water on holi,Holi Save Water,How to save Water,children oath for save water,spoongy to save water,

बरेली। भूगर्भ जल स्तर साल दर साल गिरता जा रहा है जो एक चिंता का विषय है। अगर हालात यही रहे तो आने वाले समय में हमें पानी की विकराल समस्या से जूझना होगा। पानी की महत्ता को समझते हुए बरेली की एक ग्राम पंचायत जल संरक्षण के लिए काम कर रही है। यहां पर पानी का लेवल बढ़ाने के लिए जल स्रोतों के पास गड्ढे खुदवाए गए हैं जिससे पानी बहकर नालियों में जाकर बर्बाद नहीं होता है बल्कि गड्ढों की मदद से पानी वापस जमीन के अंदर चला जाता है।

जल स्रोतों के पास बनाए गड्ढे
जल संरक्षण के लिए सरकार की ओर से ‘गांव का पानी गांव में और खेत का पानी खेत में’ स्लोगन दिया गया था, जिले की अटापट्टी ग्राम पंचायत इसी स्लोगन की तर्ज पर काम कर रही है। इस ग्राम पंचायत में तीन गांव हैं जहां घरों और सरकारी नलों का पानी बाहर नहीं बहता है। यहां सरकारी नलों, स्कूल के हैंड-वॉश स्टेशन, घरों से निकलने वाले पानी से भू-जल स्तर सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। इन सभी से निकलने वाला पानी पास में बने गड्ढे में जमा होता है। गांव में गड्ढे बनवाने का काम प्रधान फयाज अहमद ने शुरू किया जोकि अब ग्रामवासियों की मुहिम बन गया है। गांव वालों का यह कदम जल संरक्षण की दिशा में सराहनीय पहल है। 1900 की आबादी वाली इस ग्राम पंचायत में मोहम्मदपुर जाटान मजरा भी शामिल है। एक ओर जल जमाव तो दूसरी ओर गिरते भू-जल स्तर की समस्या से जूझ रहे अटापट्टी शुमाली के ग्राम प्रधान और आम जनता ने मिलकर इसका हल निकाला और जल स्रोतों के पास गड्ढे बनवाने शुरू कर दिए हैं।

गांव के लोग भी आए आगे
गांव में करीब 22 सरकारी हैंड पंपों के आगे ऐसे गड्ढे बनवाए गए हैं जिनमें उपयोग किया हुआ पानी भर जाता है। परिषदीय स्कूलों के बाल मित्र शौचालय के हैंड वॉश स्टेशन, पेयजल के लिए लगे नलों से निकलने वाला पानी इसके जरिये जमीन में संग्रहित होने लगा है। इससे यहां गंदगी और मच्छर जनित बीमारियों की भी रोकथाम हुई। साथ ही भू-जल स्तर भी सुधरने लगा है। अब सभी ग्रामीणों के घरों के बाहर ऐसे ही गड्ढे बनवाने की तैयारी चल रही है। पंचायत का मानना है कि सालभर के अंदर वो घरों से निकलने वाले पानी को भी संरक्षित करने में कामयाब हो जाएगी।