7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जिले में लगातार बढ़ रहे हैं एचआईवी पीड़ित

हर साल जिलें में करीब साढ़े तीन सौ लोग इस जानलेवा बीमारी की गिरफ्त में आ जा रहे हैं।

2 min read
Google source verification
hiv

जिले में लगातार बढ़ रहे हैं एचआईवी पीड़ित

बरेली। हर साल एचआईवी की वजह से देश में तमाम लोगों की जान चली जाती है। लोगों को एचआईवी के बारे में जानकारी हो सके, इसके लिए सरकार ने कई अभियान चला रखे हैं। इसके बाद भी जिले में एचआईवी के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इससे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के माथे पर चिंता की लकीरे खिचने लगी हैं। इसमें सबसे ज्यादा दिक्कत की बात यह है कि एचआईवी पीडि़तों में सबसे ज्यादा युवा शामिल हैं, जो कामकाज के सिलसिले में दूरदराज शहरों में जाते हैं और वहां से एचआईवी संक्रमण लेकर लौट रहे हैं। हर साल जिलें में करीब साढ़े तीन सौ लोग इस जानलेवा बीमारी की गिरफ्त में आ जा रहे हैं।

ये भी पढ़ें

खान बहादुर खान की एक मात्र निशानी भी बदहाल

हर साल बढ़ रहे मरीज

अगर स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में हर साल एचआईवी के मरीजों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। 2016 में जिले में 350 नए मरीज मिले थे। इसके बाद 2017 में एचआईवी के 468 नए मरीज सामने आए थे। साल 2018 में अब तक एचआईवी के 318 मरीजों में एचआईवी की पुष्टि हो चुकी है। एचआईवी संक्रमित मरीजों के बढ़ते आंकड़े चौंकाने वाले हैं। अगर यही हाल रहा तो साल के अंत तक यह संख्या पांच सौ के पार पहुंच सकती है। सभी मरीजों का इलाज जिला अस्पताल के एआरटी सेंटर से शुरू कर दिया गया है।

ये भी पढ़ें

बाबा भोलेनाथ के जलाभिषेक को उमड़ा सैलाब- देखें तस्वीरें

एचआईवी पीडि़तों में 22 बच्चे

एआरटी सेंटर के मैनेजर मनोज वर्मा ने बताया कि इन नए मरीजों में 20 से 45 वर्ष के युवक अधिक हैं। इनमे 110 महिला मरीज भी शामिल हैं, जबकि पांच बच्चियां भी हैं। पुरुष मरीजों की संख्या 208 है। इनमें बच्चों की संख्या 17 है। इनमें अधिकतर लोग वे हैं, जो रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में गए और वहां से जानलेवा बीमारी की गिरफ्त में आ गए। इनमें कुछ मरीज ऐसे भी हैं, जिन्होंने एचआईवी सक्रमित साथी से यौन संबंध बनाए। इससे उनके पति या पत्नी भी एचआईवी संक्रमण की चपेट में आ गई।

ये भी पढ़ें

एक और शिक्षा मित्र ने सरकार से छोड़ी उम्मीद, उठा लिया आत्मघाती कदम