
बरेली। शहर के पॉश इलाके राजेंद्रनगर में आवासीय भवनों को होटल, रेस्टोरेंट, गारमेंट शोरूम, ऑफिस और स्पा में तब्दील करने वालों पर अब आवास विकास परिषद का बुलडोजर अलर्ट जारी हो गया है। परिषद ने नियमों को ताक पर रखकर व्यावसायिक गतिविधियां चला रहे 53 भवन स्वामियों को नोटिस थमा दिए हैं। तय समय में जवाब और कंपाउंडिंग न होने पर सीधी ध्वस्तीकरण कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
राजेंद्रनगर इलाके की सूरत पूरी तरह बदल चुकी है। आवासीय नक्शों पर बने मकानों में शोरूम, मार्केट, होटल और दफ्तर चल रहे हैं। रोड किनारे अस्थायी और स्थायी बाजार सज चुके हैं। आवास विकास परिषद के मुताबिक, यह सीधा भू-उपयोग परिवर्तन है, जो नियमों का खुला उल्लंघन है।
आवास विकास परिषद ने राजेंद्र नगर के 53 भवन स्वामियों को 31 दिन का समय दिया है। इस अवधि में यदि कंपाउंडिंग नहीं कराई गई तो अवैध निर्माण सील किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो ध्वस्तीकरण होगा। जिला प्रशासन से मजिस्ट्रेट और पुलिस फोर्स की मांग कर ली गई है।
राजेंद्रनगर में यह कोई पहली कार्रवाई नहीं है। 2019 में भी नोटिस और ध्वस्तीकरण के आदेश जारी हुए थे, लेकिन
अधिकारियों के तबादले, स्टाफ की कमी, विभागीय मिलीभगत के चलते पूरा मामला फाइलों में दफन हो गया। अब एक बार फिर कार्रवाई की तैयारी है, लेकिन पिछला अनुभव परिषद की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है।
हर बार जब राजेंद्रनगर में अवैध कमर्शियल गतिविधियों पर कार्रवाई का वक्त आता है, तभी संबंधित अधिकारियों के तबादले हो जाते हैं। नतीजा प्रक्रिया ठप, फाइलें अलमारी में बंद, अवैध कारोबार जारी रहता है। इसके बाद कुछ साल तक प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली जाती है। नए अधिकारी के आने के बाद फिर शुरू होती है लेकिन इस बार देखना है कि यह अंजाम तक पहुंचती है या नहीं।
आवासीय भवन में दुकान, ऑफिस, होटल, कोचिंग या गोदाम चलाना भू-उपयोग परिवर्तन है। अनुमति बिना निर्माण या उपयोग पर आर्थिक दंड, सीलिंग और ध्वस्तीकरण संभव
परिषद से आवंटित मकान होने पर आवंटन निरस्त तक किया जा सकता है। अवैध निर्माण और गलत भू-उपयोग हटाने की कार्रवाई होनी है। भवन स्वामियों को 31 दिन का समय दिया गया है। सभी को नोटिस जारी कर दिए गए हैं।
राजेंद्र नाथ राम, एक्सईएन, आवास विकास परिषद
Updated on:
16 Dec 2025 04:28 pm
Published on:
16 Dec 2025 09:21 am
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