मेट्रो के लिए परीक्षण शुरू: इस परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए बरेली विकास प्राधिकरण (BDA) को मेट्रो की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) और नक्शे तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसे BDA ने रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (राइट्स) को सौंपा है। 25 सितंबर को बीडीए और राइट्स के अधिकारियों की एक बैठक भी हुई थी, जिसमें परियोजना की प्रगति पर चर्चा की गई। बुधवार को जयपुर से आई टीम ने गांधी उद्यान के सामने से मिट्टी परीक्षण का काम शुरू किया। इस टीम को 18 स्थानों पर मिट्टी की गुणवत्ता की जांच करनी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मेट्रो पिलर निर्माण के लिए जमीन सक्षम है या नहीं।
पानी की कमी से टीम का काम प्रभावित: मिट्टी की जांच करने के लिए टीम को मशीनों के साथ पानी की जरूरत थी। टीम ने सुबह ही नगर निगम से पानी की व्यवस्था करने का आग्रह किया था, लेकिन शाम 3 बजे तक पानी उपलब्ध नहीं हो पाया था, जिससे टीम को काम में देरी का सामना करना पड़ा।
प्रस्तावित मेट्रो कॉरिडोर: पहला चरण (12 किमी): जंक्शन, चौकी चौराहा, गांधी उद्यान, सेटेलाइट बस अड्डा, बीसलपुर चौराहा, तुलसीनगर, विश्वविद्यालय, सौ फुटा, फीनिक्स मॉल, सन सिटी से बैरियर टू तक। दूसरा चरण (9.5 किमी): चौकी चौराहा, पटेल चौक, कुतुबखाना बाजार, कोहाड़ापीर, डीडीपुरम, डेलापीर सब्जी मंडी, आईवीआरआई, नॉर्थ सिटी एक्सटेंशन से बैरियर टू तक।
मेट्रो या लाइट मेट्रो? 15 अक्टूबर तक स्थिति होगी स्पष्ट: शहर में मेट्रो या लाइट मेट्रो का संचालन होगा, इस पर अंतिम निर्णय 15 अक्टूबर तक किया जाएगा। 2056 तक के लिए अनुमानित रोजाना 7 लाख यात्रियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए यह तय किया जाएगा कि मेट्रो या लाइट मेट्रो किस विकल्प को अपनाया जाए। इस संबंध में सर्वेक्षण चल रहा है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ होगी।
परियोजना का खर्च और प्रगति: मेट्रो संचालन के लिए अनुमानित खर्च 3,000 से 5,000 करोड़ रुपये के बीच है। इस राशि में भूमि अधिग्रहण, इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण, ऑपरेशन और मेंटीनेंस शामिल होंगे। राइट्स ने पहले चरण की डीपीआर बीडीए को सौंप दी है, जबकि दूसरे चरण की डीपीआर इस सप्ताह के अंत तक दी जाएगी।
बीडीए उपाध्यक्ष मनिकंडन ए के अनुसार, “जमीन की जांच का काम शुरू हो चुका है और डीपीआर इस महीने के अंत तक पूरी हो जाएगी। इसके बाद यह तय होगा कि शहर में मेट्रो चलेगी या लाइट मेट्रो।”