
बरेली। शहर में सड़क निर्माण के नाम पर घोटाले और घटिया निर्माण की शिकायतों ने नगर निगम और जिला प्रशासन को अलर्ट मोड में ला दिया है। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद कमिश्नर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की जिम्मेदारी टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी (टीएसी) को सौंप दी है।
जैसे ही टीएसी की टीम ने जांच शुरू की, निर्माण कार्यों में संलिप्त एजेंसियों में खलबली मच गई है। शुरूआती जांच में ही निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं।
शहर के वरिष्ठ व्यापारी नेता राजकुमार मेहरोत्रा ने कुछ दिन पहले नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य और मंडलायुक्त से मिलकर शिकायत की थी कि कुतुबखाना के फूल चौराहा से लेकर बड़ा बाजार होते हुए किला क्रॉसिंग तक बनाई गई सड़क में भारी अनियमितता बरती गई है। उनका आरोप था कि निर्माण कार्य में न तो मानकों का पालन हुआ और न ही गुणवत्ता की कोई परवाह की गई। बारिश शुरू होते ही सड़क जगह-जगह से उखड़ने लगी, परतें धंस गईं और गड्ढों में तब्दील हो गईं, जिससे स्थानीय नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मेहरोत्रा ने मामले की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) और टीएसी से कराने की मांग की थी।
टीएसी की टीम ने मौके पर जाकर विभिन्न हिस्सों से सड़क की परतों के सैंपल लिए और प्रयोगशाला में जांच कराई। सूत्रों के मुताबिक जांच रिपोर्ट लगभग तैयार हो चुकी है और इसमें निर्माण कार्य में लापरवाही और मानकों की अनदेखी के स्पष्ट संकेत मिले हैं। जांच की आंच फिलहाल सड़क निर्माण करने वाली कार्यदायी संस्था ओम बालाजी पर आ गई है। माना जा रहा है कि रिपोर्ट आने के बाद एजेंसी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है। इसके अलावा नगर निगम से जुड़ी अन्य निर्माण एजेंसियों में भी डर का माहौल है। जानकारी के मुताबिक, अधिकांश स्थानों पर बिना तकनीकी निरीक्षण और बिना गुणवत्ता परीक्षण के ही निर्माण कार्य पूरा कर दिया गया था। यही वजह है कि सड़कें बरसात में चंद दिनों में ही उखड़ने लगीं।
जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। अगर निर्माण में गड़बड़ी पाई गई, तो संबंधित एजेंसी और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
संजीव कुमार मौर्य, नगर आयुक्त
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Published on:
30 Jul 2025 09:45 pm
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