
Ajay Agarwal
बरेली। राह चलते हमें तमाम ऐसी घटनाएं दिखती हैं, जिनके बारे में हमें मालूम होता है कि ये गलत हैं, लेकिन फिर भी हम उसे नजरअंदाज करते हुए आगे बढ़ जाते हैं, क्योंकि हमारा उस स्थिति से प्रत्यक्ष रूप से कोई लेना देना नहीं होता।लेकिन दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनकी सोच का दायरा सिर्फ अपने या परिवार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वे सामाजिक जिम्मेदारियों को भी अपना कर्तव्य मानकर निभाते हैं। ऐसे ही चुनिंदा लोगों में से एक हैं बरेली के अजय अग्रवाल। अजय लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कराते हैं। वो अब तक चार हजार से अधिक लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करा चुके हैं।
नदी में लावारिस लाशों को देख आया खयाल
इस बारे में अजय से बात करने पर उन्होंने बताया कि वो वर्ष 1980 से रामगंगा नदी में स्नान करने के लिए जा रहे हैं। इस दौरान नदी में उनको कई बार शव पानी मे उतराते हुए दिखे। वर्ष 1998 में नदी में स्नान के दौरान उन्होंने रिक्शा वालों को दो शव नदी में डालते हुए देखा। जब उनसे बात की तो पता चला कि दोनों शव लावारिस हैं। इस घटना ने अजय को सोचने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद उन्होंने लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कराने की ठानी। उन्होंने बरेली विकास मंच नाम की संस्था बनाकर तत्कालीन डीएम और एसएसपी से लावारिस शवों के अंतिम संस्कार कराने की इजाजत मांगी।इजाजत मिलने के बाद ये काम शुरू किया। अब तक वे 4267 शवों का अंतिम संस्कार करवा चुके हैं।
जिले के सभी थानों में उपलब्ध है नंबर
अजय अग्रवाल बताते है कि उनका फोन नम्बर बरेली के सभी थानों में उपलब्ध है। जब भी कोई लावारिस शव कहीं मिलता है तो उन्हें सूचित कर दिया जाता है। थाने की जरूरी कार्रवाई होने के बाद वे शव को सिटी श्मशान भूमि पर भिजवा देते हैं, इसके बाद वहां पर उन शवों का दाह संस्कार किया जाता है।
500 सदस्य हैं संस्था में
अजय अग्रवाल का कहना है कि उनकी संस्था बरेली विकास मंच में करीब 500 सदस्य हैं। सभी सदस्य इस काम में उनका सहयोग करते हैं। एक लाश के अंतिम संस्कार में 1600 रुपये का खर्च आता है, जो संस्था के लोगों से सहयोग लेकर किया जाता है।
Published on:
22 Jan 2018 04:33 pm
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