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पूर्व महापौर के समर्थन में सपा प्रत्याशी संजीव सक्सेना का नामांकन वापस

लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार सपा प्रत्याशी संजीव सक्सेना ने पूर्व महापौर और निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. आईएस तोमर के समर्थन में आखिरी दिन अपना नामांकन वापस ले लिया। डॉ. आईएस तोमर को सपा ने अपना समर्थन दे दिया है। इसके बाद सपा हाईकमान ने संजीव सक्सेना को अपना नामांकन वापस लेने के निर्देश दिए थे।

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बरेली

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Patrika Desk

Apr 27, 2023

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बरेली से लेकर दिल्ली तक हुई पंचायत, क्षतिपूर्ति लेने की भी चर्चा

बरेली। लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार सपा प्रत्याशी संजीव सक्सेना ने पूर्व महापौर और निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. आईएस तोमर के समर्थन में आखिरी दिन अपना नामांकन वापस ले लिया। डॉ. आईएस तोमर को सपा ने अपना समर्थन दे दिया है। इसके बाद सपा हाईकमान ने संजीव सक्सेना को अपना नामांकन वापस लेने के निर्देश दिए थे। पहले तो सपा प्रत्याशी कायस्थ समाज से बातचीत करके निर्णय लेने की बात कहते रहे। 24 घंटे पहले हर हाल में चुनाव लड़ने की घोषणा भी की थी। मगर, आखिरी दिन उन्होंने पूर्व महापौर के समर्थन में अपना नामांकन वापस ले लिया। राजनीतिक हलकों में यह चर्चा भी रही कि नामांकन वापस लेने के बदले क्षतिपूर्ति भी ली गई।

बरेली महापौर पद के लिए समाजवादी पार्टी ने पहले संजीव सक्सेना को अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया था। उनको चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ने सिंबल भी दे दिया था। मगर, सपा के अधिकांश नेता संजीव सक्सेना को प्रत्याशी बनाने का विरोध कर रहे थे। वह पूर्व महापौर डॉ. आईएस तोमर को चुनाव लड़ाने के पक्ष में थे। दूसरी ओर पूर्व महापौर डॉ. आईएस तोमर ने निर्दलीय के तौर पर अपना नामांकन दाखिल करा दिया। सपा के दो फाड़ होने की स्थिति को देखते हुए हाईकमान ने पूर्व महापौर डॉ. आईएस तोमर को समर्थन देने का निर्णय लिया। इसके बाद सपा के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव समेत तमाम पार्टी नेता बुधवार को संजीव सक्सेना के घर मनाने के लिए गए, ताकि वह अपना नामांकन वापस ले लें। मगर, संजीव सक्सेना तुरंत नामांकन वापस करने के लिए तैयार नहीं हुए। वह बरेली की जनता और कायस्थ समाज के मान-सम्मान की खातिर चुनाव लड़ने पर अड़े हुए थे। बुधवार शाम को उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर हर हाल में सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ने की घोषणा की। मगर, रात भर मान-मनौब्बल का दौर जारी रहा। आखिरी दिन संजीव सक्सेना ने अपना नामांकन वापस ले लिया। इसके बाद समूची समाजवादी पार्टी के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. आईएस तोमर ने राहत की सांस ली। राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा भी रही कि नामांकन वापसी में देरी क्षतिपूर्ति की रकम को लेकर थी। जब यह सब मामला तय हो गया तो फिर नामांकन भी वापस हो गया।


अब डॉ. आईएस तोमर का भाजपा से सीधा मुकाबला
सपा प्रत्याशी के नामांकन वापस लेने के बाद महापौर पद के लिए अब भाजपा का सीधा मुकाबला सपा समर्थित प्रत्याशी डॉ. आईएस तोमर से होना तय है। इसकी वजह यह है कि अब पूरी समाजवादी पार्टी पूर्व महापौर डॉ. तोमर के समर्थन में है। इसलिए अब भाजपा और समर्थित प्रत्याशी के बीच सीधा मुकाबला तय माना जा रहा है। डॉ. तोमर ने भी भाजपा का मुकाबला करने की पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए रामपुर गार्डन में उन्होंने अपना कार्यालय भी खोल दिया है।


सपा के समर्थन से अब डॉ. आईएस तोमर पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे। भाजपा ने पांच साल स्मार्ट सिटी के नाम पर शहर की जनता को धोखा दिया। उसका हिसाब लेने का वक्त आ गया है। अगर ईवीएम से बेईमानी नहीं हुई तो बरेली से सपा का मेयर होगा। - सुप्रिया ऐरन, पूर्व महापौर एवं सपा नेता