
कबीर दास जी के दोहे से गुरु शिष्य परंपरा का कराया भान
प्रीचर सत्संग- गोपाल स्वरूप ने किया। उन्होंने बताया कि आदर्श गुरु, आदर्श शिष्य, सच्चा गुरु और सच्चा शिष्य का उदाहरण कबीरदास ने दो लाइन के दोहे में समझा दिया। उन्होंने कहा कि
गुरु तो ऐसा चाहिए, शिष्य से कछु ना लेय, शिष्य तो ऐसा चाहिए, गुरु को सब कुछ देय...। प्रीचर सत्संग के बाद बरेली एवं अन्य सेन्ट्ररो से आई संगत ने लंगर छका।
कार्यक्रम में बरेली समेत मंडल भर के सेवादारों ने लिया हिस्सा
कार्यक्रम के अंत में अध्यक्ष प्रदीप बिज द्वारा आने बाले दिल्ली एवं बरेली कार्यक्रमों को सूचना दी गई। उन्होंने कहा कि दिल्ली आश्रम में होने वाले कार्यक्रम में अधिक से अधिक प्यारी संगत पहुंच कर सेवा का लाभ उठायें।
इस अवसर पर आश्रम के अध्यक्ष- प्रदीप बिज, महामंत्री -जोगेन्द्र सिंह सेठी , कोषाध्यक्ष- विकास सहगल , सदस्य नन्हें लाल गंगवार, जगदीश चन्द्र जोशी, राजीव गुप्ता, एवं सेवादार अमित गंगवार, नरेश, प्राची, अर्पित, सौम्या, अंजलि, अंशिका, नेहा आदि सेवादारों सहित पदाधिकारी मौजूद थे।
Published on:
28 May 2023 05:14 pm
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