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घुसपैठ के बाद नेपाल सीमा पर गश्त बढ़ी

यूपी पुलिस ने 26वीं वाहिनी एसएसबी बटालियन के साथ सीमा पर गश्त बढ़ा दी है, जिससे घुसपैठ पर अंकुश लगाया जा सके।

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Sudhanshu Trivedi

May 09, 2016

indo-nepal border

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पीलीभीत.
पीलीभीत-नेपाल अन्र्तरराष्ट्रीय खुली सीमा पर घटी दो घटनाएं उप्र पुलिस को चुनौती दे रही हैं। दो थाना क्षेत्रों में नेपाली घुसपैठ के सबूत पुलिस को दिये गए हैं। इसके बाद भी मामला गृह मंत्रालय का होने के कारण उप्र पुलिस कोई कार्यवाही करने में आसमर्थता जता रही है। ऐसे में पुलिस ने अब 26वीं वाहिनी एसएसबी बटालियन के साथ सीमा पर गश्त बढ़ा दी है, जिससे घुसपैठ पर अंकुश लगाया जा सके। हालाकिं सीमा पार से तस्करी पुलिस की मिलीभगत से लगातार जारी है।


नेपालियों ने पीटा

थाना हजारा क्षेत्र के ग्राम टिल्ला नं. चार के रहने वाले अमरजीत व सुखविंदर सीमा पार नेपाल देश के सराघाट गये थे। दोनो किसान खेतों में गन्ने की गुडाई के लिये मजदूर तय करने गये थे। लेबर तय करके लौटते वक्त दोनो को गांव के ही कुछ नेपाली लोगो ने घेर लिया और उनहे बुरी तरह मारा पीटा। जैसे तैसे वे भारत की सीमा में आये और अपनी जान बचायी। घटना की पूरी जानकारी उन्हाेंने थाना हजारा पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस ने नेपाल के थाना बेलाडांडी से सम्पर्क किया। जिसके बाद नेपाल पुलिस ने आरोपी मारपीट करने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की।


नेपाली पुलिस ने की घुसपैठ

दूसरा मामला थाना माधोटांडा क्षेत्र के रमनगरा चैकी क्षेत्र का है। यहां के रहने वाले अक्सर नदी पार करके नेपाल में आते जाते रहते है। यहाॅ के लोगों के तार नेपाल से रोजी-रोटी-शादी से जुड़े हैं। बीते दिनों थाना क्षेत्र के रहने वाले राम निवास गुप्ता का पुत्र अंकुश प्रेम प्रसंग के चलते नेपाली युवती भगा लाया। दोनो ने शादी की और राजी खुशी साथ रह रहे थे। लेकिन लडकी के पिता ने नेपाल में पुत्री के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करावाई। जिसके बाद लडकी का पिता अपने साथियों व नेपाल पुलिस के संग सीमा लांघते हुये भारत में प्रवेश किया। बिना भारत पुलिस को सूचना दिये गांव में जमकर तांडव मचाया। पीडित रामनिवास व उनके पु. अंकुश के साथ मारपीट की और लडकी को जबरन नेपाल वापस ले गये। घटना की सूचना मिलते ही थाना माधोटांडा पुलिस अब हरकत में आयी है। एसओ दुर्गेश मिश्रा का कहना है कि सबसे पहले जांच का विषय यह है कि नेपाल पुलिस आयी थी या नहीं। अगर नेपाल पुलिस आयी थी तो उन्हे थाना पुलिस से सम्पर्क करना चाहिये था। ऐसा उन्होने नहीं किया, इसलिए मामले की जांच की जा रही है और इसके लिये शासन को लिखित भेजा जा रहा है।