
सांकेतिक फोटो जेनरेट AI
गाजियाबाद में कारोबारी की पत्नी दीपशिखा की हत्या के मामले में पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी दंपती की कहानी सामने आई है। तांत्रिकों, भूत-प्रेत और संतान की चाह में उलझा यह मामला धीरे-धीरे अंधविश्वास, भय और अपराध की खौफनाक दास्तान बन गया।
पुलिस कस्टडी में पूछताछ के दौरान अजय और उसकी पत्नी आकृति ने जो बयान दिए, वे हैरान करने वाले हैं। आरोपियों का दावा है कि जिस महिला की उन्होंने हत्या की, उसे वे किसी इंसान की तरह नहीं, बल्कि भूत-बाधा का रूप मान बैठे थे। उनके मुताबिक, मकान मालकिन के चिल्लाने पर उन्हें लगा कि तांत्रिक जिस दुष्ट शक्ति की बात करता था, वही सामने है। इसके बाद वे खुद को अपने नियंत्रण में नहीं रख पाए।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अजय पिछले दो वर्षों से हापुड़ और लोनी के अलग-अलग तांत्रिकों के संपर्क में था। दो बच्चों की बीमारी से मौत के बाद वह दोबारा पिता बनना चाहता था। तांत्रिकों ने उसे यकीन दिलाया कि उसके आसपास नकारात्मक शक्तियां हैं और जिस घर में वह रहता है, वहां भूत-बाधा है। इसी डर में अजय ने बीते दो सालों में चार बार मकान बदले।
पूछताछ में अजय ने अपनी निजी जिंदगी का भी जिक्र किया। उसने बताया कि वह पहले टैक्सी चलाता था। काम के दबाव और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच शराब की लत लग गई। जिससे पिता से रिश्ते बिगड़ गए। आखिरकार उसने घर छोड़ दिया और पत्नी के साथ किराए पर रहने लगा। इसी दौरान दोनों बच्चों की मौत ने उसे पूरी तरह तोड़ दिया।
आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव के बीच उसकी दोस्ती एक ट्रांसपोर्टर से हुई। जिसने उसे तांत्रिकों के पास जाने की सलाह दी। अजय और आकृति नियमित रूप से पूजा-पाठ, तंत्र-मंत्र और यहां तक कि श्मशान में होने वाले अनुष्ठानों में भी शामिल हुए। लेकिन न कारोबार चला, न संतान का सुख मिला। इसी अंधविश्वास और भय के जाल में फंसकर यह दंपती एक जघन्य अपराध तक पहुंच गया। जिसकी जांच पुलिस कर रही है।
Published on:
20 Dec 2025 10:55 am
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