
भारत के मुख्य न्यायाधीश का एक कार्यक्रम के दौरान स्वागत करते पूर्व अध्यक्ष शिरीष मेहरोत्रा
बरेली। एलएलबी पास करने के बाद अब वकालत में सीधे एंट्री नहीं होगी। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने वकालत का पंजीकरण कराने के लिए नई प्रक्रिया लागू की है, जिसमें लिखित परीक्षा, इंटरव्यू और पुलिस सत्यापन अनिवार्य कर दिए गए हैं। यह कदम आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को वकालत के पेशे में आने से रोकने के लिए उठाया गया है।
वकालत के पंजीकरण के लिए अभ्यर्थियों को एक लिखित परीक्षा पास करनी होगी। इसके बाद उनका इंटरव्यू आयोजित किया जाएगा। अभ्यर्थियों का पुलिस सत्यापन और चरित्र प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया गया है। सत्यापन पूरा होने के बाद ही इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा।
बरेली और मुरादाबाद मंडल के अभ्यर्थियों का इंटरव्यू 23 और 24 नवंबर 2024 को क्लासिक लॉ कॉलेज, बरेली में आयोजित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष और सदस्य शिरीष मेहरोत्रा ने बताया कि आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को वकालत पेशे से दूर रखने के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने दिशा-निर्देश जारी किए थे। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने पहले ही ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE) लागू किया है। वकालत के पंजीकरण के लिए यह परीक्षा पूरे देश में आयोजित होती है।
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने एआईबीई के साथ पुलिस सत्यापन और इंटरव्यू भी अनिवार्य कर दिए हैं। जिन अभ्यर्थियों का पुलिस सत्यापन 25 अगस्त 2024 तक पूरा हो चुका है, केवल उन्हीं को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल का यह कदम वकालत के पेशे को आपराधिक प्रवृत्ति से मुक्त रखने के लिए महत्वपूर्ण है। यह प्रक्रिया पेशे में अनुशासन और नैतिकता को बढ़ावा देगी। अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने सत्यापन और अन्य औपचारिकताएं समय पर पूरी करें।
Published on:
20 Nov 2024 11:02 am
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